चारधाम यात्रियों के लिए बड़ी खबर! अब जाम में घंटों नहीं होंगे परेशान; एलिवेटेड रोड ने पार किया एक और ‘पड़ाव’

चारधाम यात्रा की तैयारियों में यातायात प्रबंधन भी सबसे बड़ी चुनौती में से एक रहता है। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर चारधाम यात्रा के प्रवेश स्थल ऋषिकेश का पूरा क्षेत्र जाम से पैक हो जाता है। इससे स्थानीय निवासियों को भी जाम से जूझना पड़ता है।
ऋषिकेश क्षेत्र में यात्रा के दौरान जाम की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित नेपाली फार्म से ढालवाला तक प्रस्तावित 11 किमी लंबी एलिवेटेड रोड ने एक और अहम पड़ाव पार कर लिया है। नवंबर में परियोजना की डीपीआर को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून भेजा गया था। अब डीपीआर केंद्र सरकार में है। इसे स्टैंडिंग फाइनेंशियल कमेटी (एसएफसी) की हामी का इंतजार है।
कार्यदाई संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे के अनुसार एसएफसी की बैठक निकट भविष्य में प्रस्तावित है, जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ भाग लेंगे और परियोजना के सभी पहलुओं पर मंथन किया जाएगा। बैठक की तैयारी पूरी कर ली गई है।
केंद्रीय समिति के समक्ष परियोजना की उपयोगिता और व्यवहारिकता को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। समिति की हरी झंडी मिलने के बाद डीपीआर स्वीकृत हो जाएगी। राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता के अनुसार एलिवेटेड रोड परियोजना का बजट करीब 1485 करोड़ रुपए है।
दूसरे चरण में तपोवन तक बढ़ेगा आकार
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडे ने बताया कि ढालवाला के बाद भी परियोजना को विस्तार दिया जाएगा, ताकि पूरे ऋषिकेश क्षेत्र को चारधाम यात्रा या कांवड़ यात्रा के जाम से निजात दिलाई जा सके। यह तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए बेहतर है।
परियोजना का अगला चरण ढालवाला से शुरू होगा और तपोवन के पास गरुड़चट्टी पर समाप्त होगा। इस भाग पर दो टनल का निर्माण भी किया जाना है। परियोजना की कुल लंबाई सात किलोमीटर होगी। इसकी डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
परियोजना पर एक नजर
- लंबाई : 10.88 किलोमीटर
- चौड़ाई : फोरलेन
- बजट : 1485 करोड़ रुपए
दूसरा चरण: ढालवाला से तपोवन
- लंबाई: सात किलोमीटर
- चौड़ाई : डबल लेन
- टनल : दो टनल का निर्माण होगा
- बजट : अनुमानित 915 करोड़ रुपए
इस तरह मिलेगा लाभ
- चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा या पर्यटन सीजन के दौरान जो वाहन हरिद्वार की तरफ से बदरीनाथ राजमार्ग या गंगोत्री राजमार्ग की तरफ बढ़ेंगे, उन्हें ऋषिकेश के शहरी क्षेत्र में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी। वे सीधे एलिवेटेड रोड से आगे बढ़ सकेंगे। इससे ऋषिकेश क्षेत्र में वाहनों का का दबाव कम होगा।
- इसी तरह देहरादून की ओर से जाने वाले वाहनों को टिहरी की तरफ (गंगोत्री राजमार्ग) बढ़ने पर ऋषिकेश क्षेत्र में जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। भविष्य में टिहरी झील के पूरी तरह विकसित होने के बाद वाहनों के अतिरिक्त दबाव की दशा में भी परियोजना राहत प्रदान करेगी।