रिलायंस को मिला चाइनीज ब्रांड का साथ, टाटा ग्रुप से बढ़ेगा कॉम्पिटीशन

चीन का मशहूर फैशन ब्रांड शीन (SHEIN) चार साल की पाबंदी झेलने के बाद भारतीय बाजार में वापसी करने का जा रहा है। उसे अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप का साथ मिला है। शीन ने रिलायंस रिटेल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म- अजियो पर अपने कलेक्शन की टेस्टिंग और कैटलॉगिंग शुरू कर दी है।

रिलायंस का इरादा शीन को अपने अन्य प्लेटफॉर्म तक भी पहुंचाना है। इससे रिलायंस की किफायती फास्ट-फैशन सेगमेंट में टाटा ग्रुप के जूडियो (Zudio) और फ्लिपकार्ट के मिंत्रा के साथ प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी।

भारतीय बाजार से क्यों बैन हुई थी शीन?

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद साल 2020 के दौरान काफी बढ़ गया था। इसके चलते भारत सरकार ने 2020 में शीन समेत 50 चीनी ऐप को बैन कर दिया था। हालांकि, शीन की वापसी कमोबेश एक भारतीय कंपनी की तरह हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बताया था कि शीन का पूरा कारोबारी स्वदेशी रिटेल प्लेटफॉर्म पर होगा, जिसके डेटा का एक्सेस उसके पास नहीं रहेगा।

शीन को भी भारतीय बाजार की जरूरत

शीन को भारतीय बाजार की जरूरत है। वह ऐसे समय में भारतीय बाजार में दोबारा एंट्री कर रही है, जब उसकी रेवेन्यू ग्रोथ कम हो रही है। 2024 की पहली छमाही में शीन की रेवेन्यू ग्रोथ बीते साल के 40 फीसदी से घटकर 23 फीसदी रह गया है। रेडसीर स्ट्रेटजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में भारत का फास्ट फैशन सेगमेंट 40 फीसदी बढ़ा। यह बाजार 2031 तक 4.5 लाख करोड़ का हो जाएगा। इसका मतलब कि इसमें ग्रोथ की जोरदार गुंजाइश है।

शीन डील से रिलायंस को कैसे फायदा होगा?

यह डील रिलायंस और शीन, दोनों के लिए फायदेमंद है। शीन को सीधे रिलायंस के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अजियो और रिलायंस रिटेल के 19 हजार स्टोर में पहुंच मिलेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज पॉलिएस्टर फाइबर और यार्न प्रोडक्शन में सबसे आगे है। शीन के प्रोडक्ट में पॉलिएस्टर का काफी इस्तेमाल होता है। इसका मतलब कि रिलायंस से उसे मैन्युफैक्चरिंग सपोर्ट मिलेगा।

वहीं, रिलायंस अपने रिटेल बिजनेस को 4 साल में दोगुना करना चाहती है। शीन के डील से उसे कपड़ों की किफायती रेंज मिलेगी। इससे रिलायंस को अपना कस्टमर बेस बढ़ाने में मदद मिलेगी। रिलायंस का रिटेल बिजनेस काफी तेजी से बढ़ भी रहा है। वित्त वर्ष 2024 में रिटेल बिजनेस से रेवेन्यू 18 फीसदी बढ़कर 3.06 लाख करोड़ तक पहुंच गया।

कॉम्पिटीशन बढ़ने से ग्राहकों को फायदे की उम्मीद

रिलायंस और शीन की डील से फास्ट-फैशन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। शीन के प्रोडक्ट दूसरे फास्ट फैशन ब्रांड के मुकाबले 50 फीसदी तक सस्ते हैं। शीन फास्ट रिटेल सेगमेंट में मिंत्रा जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ टाटा ग्रुप के जुडियो जैसे स्टोर को नई चुनौती पेश कर सकती है।

जारा और एचएंडएम को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। लाइफस्टाइल और पेंटालून्स के लिए भी मुश्किलें बढ़ेंगी। इससे कॉम्पिटीशन बढ़ेगा और स्थापित ब्रांड कीमतें कम करने को मजबूर हो सकते हैं, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

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