बदरीनाथ हाईवे भूस्खलन के बाद तीन दिन से बंद, 2 हजार से ज्यादा भक्तों के लिए बनी मुसीबत

मॉनसनी बरसात राहत के साथ आफत बनकर आई है। पिछले तीन दिनों से बदरीनाथ हाईवे के बंद होने से तीर्थ यात्री फंस गए हैं। हाईवे पर लगातार हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी से बोल्डर गिरने के बाद लोगों की टेंशन भी कम होने का नाम नहीं ले रही है।

बदरीनाथ हाईवे के लगातार तीन से बंद होने की वजह से यूपी, बिहार, गुजरात, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों के पर्यटक बुरी तरह से फंस गए हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से फंसे तीर्थ यात्रियों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था की गई है।

चमोली जिले में जोगीधारा में तीसरे दिन भी बदरीनाथ हाईवे नहीं खुलने पर गुरुवार को यात्रियों ने हंगामा किया। पुलिस और प्रशासन ने यात्रियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। कुछ बाइक सवार जबरन क्षतिग्रस्त हिस्सा पार करने की कोशिश करने लगे। पैदल सड़क पार करने के लिए भी होड़ मच गई।

व्यवस्था बिगड़ती देख पुलिस और एसडीआरएफ के 30 जवान तैनात कर, बाइक सवारों को रोका गया। मलबा गिरने का खतरा देखते हुए पैदल आवाजाही भी बंद की गई। पुलिस को कई बार एनाउंसमेंट करवाकर भी भीड़ को मौके से हटाना पड़ा।

जोशीमठ नगर से एक किमी पहले मंगलवार को बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे गुरुवार देर रात तक भी नहीं खुल पाया था। बीआरओ ने गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे यहां पर हल्का पैदल मार्ग तैयार किया, जिसके बाद 500 से अधिक तीर्थयात्री और पोलिंग पार्टियों को सड़क पार कराई गई।

साढ़े नौ बजे चट्टान का कुछ हिस्सा और गिरने से खतरा बढ़ गया। जब चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा, तब आरओसी मशीन, जिसकी कीमत लगभग 30 लाख बताई जा रही है का ऑपरेटर एक चट्टान में ब्लास्टिंग के लिए छेद कर रहा था।

मशीन पूरी तरह से मलबे में दब गई। ऑपरेटर ने किसी तरह कूदकर जान बचाई। इससे पहले एसडीआरएफ की टीम कई लोगों को सड़क आर-पार करा चुकी थी। हादसे के बाद भी कुछ देर तक पोलिंग पार्टियों के कर्मचारियों ने जान हथेली पर रखकर मलबे वाला हिस्सा पार किया।

हालांकि बाद में प्रशासन और बीआरओ ने बातचीत कर पैदल आवाजाही रोक दी। इसके बाद तीर्थयात्री वन विभाग चेक पोस्ट से नर्सरी तक पहाड़ी रास्ता नापकर और दो किमी पैदल चलकर स्लाइड जोन के दूसरी तरफ गए।

उधर, व्यापारियों ने बताया कि तीन दिन से हाईवे बंद होने के कारण जोशीमठ में दूध और ब्रेड नहीं पहुंच पा रहा है। टेट्रा पैक दूध से काम चलाना पड़ रहा है। दुकानों में सब्जियों की कमी देखी गई। जो सामान पैदल रास्ते से लाया जा रहा है, वह महंगा पड़ रहा है।

दर्शन को जा रहे तीर्थ यात्रियों का दर्द

यूपी के रहने वाले पंकज कुमार का कहना है कि बदरीनाथ हाईवे के बंद होने से वह फंस गए हैं। कहा कि हाईवे के बंद होने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। बिहार के कटिहार से आए सनी कुमार जैसवाल कहते हैं कि वे मंगलवार से जोशीमठ में फंसे हैं।

खाने-पीने के सामान के दाम भी बढ़ गए हैं। सेना वालों ने लंगर लगाया था, जिसमें खाना खाया। सबसे अधिक परेशानी शौचालय की है। दिल्ली करोलबाग के गणेश और मुकेश कहते हैं कि वे नौ लोग हैं। उनके साथ छोटे बच्चे भी हैं।

मौसम खराब होने से बच्चे बीमार होने लगे हैं। उनकी गाड़ी भी वाहनों की कतार में फंसी है। गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया है कि गुरुद्वारा गोविंद घाट में 2000 से अधिक तीर्थ यात्री ठहरे हैं। इसमें हेमकुंड साहिब के साथ ही बदरीनाथ से लौटने वाले तीर्थयात्री भी शामिल हैं।

तीर्थ यात्रियों को शुक्रवार सुबह मिली राहत

बदरीनाथ हाईवे पर शुक्रवार सुबह तीर्थ यात्रियों के लिए कुछ राहत लेकर आई है। बीआरओ की कड़ी मेहनत के बाद हाईवे को टू-व्हीलर और पैदल यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। भारी पुलिस बल और एसडीआरएफ के जवानों के तैनाती के बीच यात्रियों को  हाईवे पार करवाया जा रहा है। 

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