गोरखपुर: अराजकतत्वों ने तोड़ी पैरासेलिंग बोट, रामगढ़ताल में संचालन बंद, CCTV में हुए कैद

वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की ओर से रामगढ़ताल में संचालित की जा रही पैरासेलिंग बोट और जेट स्की को अराजकतत्वों ने तोड़ दिया, जिससे चार दिन से इसका संचलन बंद है। कांप्लेक्स का संचालन कर रही फर्म ने बोट की मरम्मत के लिए गोवा से वोल्वो कंपनी के इंजीनियर बुलाए हैं।

इनके दो से तीन दिन में यहां पहुंचने की उम्मीद है। वे जांच कर बताएंगे कि बोट में क्या-क्या नुकसान हुआ है? इसके बाद सामग्री मंगाई जाएगी, तब मरम्मत हो सकेगी। यानी अगले एक सप्ताह तक बोट का संचलन बंद ही रहने की उम्मीद है। वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का संचालन करने वाली फर्म के प्रतिनिधि आशीष शाही ने जीडीए और रामगढ़ताल थाने में मामले की शिकायत की है।

उनका दावा है कि उनके पास पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज भी है, जिसमें तीन लोग पैरासेलिंग बोट को क्षति पहुंचाते दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने यह फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध कराया है। पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही संबंधित अराजकतत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आशीष का कहना है कि जिस तरह से गियर बाक्स, टाइमर आदि को क्षति पहुंचाया गया है, उससे साफ प्रतीत हो रहा है कि अराजकतत्वों को बोट की अच्छे से जानकारी है। उधर, रोजाना पैरासेलिंग करने नौकायन पहुंच रहे कई स्थानीय लोग व पर्यटकों को मायूस लौटना पड़ रहा है तो वहीं वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का संचालन करने वाले फर्म को भी आर्थिक क्षति हो रही है।

अमेरिकन डक की जान के भी बने दुश्मन

ताल की खूबसूरती बढ़ाने के लिए वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की ओर से एक हजार अमेरिकन व्हाइट डक (बतख) मंगाए गए थे। चार दिन पहले ही इन्हें ताल में सुरक्षित घेरा बनाकर छोड़ा गया है। अभी यह छोटे हैं, लिहाजा उनकी सुरक्षा के लिए शाम को ताल से बाहर निकाल लिया जाता है और वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में रातभर रखा जाता है। लेकिन, कुछ अराजकतत्व इन खूबसूरत बत्तखों के भी जान के दुश्मन बन गए हैं।

मौसम की मार नहीं झेल पाने पर करीब 600 बत्तखों के बच्चे पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं, करीब 25 से 30 बत्तखों को अराजकतत्वों ने ढेले मारकर पहले घायल कर दिया, जिससे बाद में उनकी जान चली गई।

कांप्लेक्स का संचालन करने वाली फर्म के प्रतिनिधियों का कहना है कि रोजाना कोई न कोई अराजकतत्व किसी बत्तख को ढेले मारकर चुटहिल कर दे रहा है। कर्मचारी जब उन्हें दौड़ा रहे तो वे भाग जा रहे हैं। फर्म के मुताबिक इन बत्तखों को तमिलनाडु के मदुरै से प्लेन से कोलकाता, वहां से रांची लाया गया और फिर वहां से गोरखपुर लाया गया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker