बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए कही यह बात

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सत्य अहिंसा, भाईचारा व मानवता को दुनिया में फैलाकर भारत को जगतगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत गौतमबुद्ध को उनकी जयंती पर नमन करते हुए उनके अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। गुरुवार को अपने संदेश में उन्होंने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा जाति-भेद, हिंसक मनोवृत्ति, द्वेष को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा दोहराने का दिन है।

मायावती ने कहा कि बीएसपी ने गौतमबुद्ध के आदर्शों पर चलकर उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार, ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के आधार पर चलाई। उनके आदर्शों पर चलकर सामाजिक परिवर्तन लाने का काफी प्रयास किया, जबकि दूसरे लोग राजनीतिक उद्देश्य के लिए उन्हें माथा टेकते हैं। 

‘राजनीतिक स्वार्थ के लिए माथा टेकने का प्रचलन गलत’

उन्‍होंने कहा, महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आगे नमन व उनके आगे माथ टेकना अलग बात है, लेकिन इसका इस्तेमाल घोर राजनीतिक स्वार्थ के लिए किए जाने का प्रचलन अनुचित है। ऐसे दिखावटी व नुमाइशी हरकतों से लोगों का सही भला होने वाला नहीं है। इसीलिए सभी प्रकार के द्वेष, विद्वेष व संकीर्णता को त्यागकर तथागत गौतमबुद्ध के जीवन आदर्श पर थोड़ा सा चलकर समाज हित के साथ खासकर देश को फिर से जगतगुरु बनाने के ईमानदार प्रयास की सख्ती जरूरत है।

बसपा प्रमुख ने अपनी तत्कालीन सरकार में गौतमबुद्ध नगकर, श्रवास्ती, कौशांबी व पडरौना का नाम कुशीनगर किए जाने का जिक्र भी अपने संदेश में किया है।

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