इंडिगो की फ्लाइट के पैक्ड उपमा में मैगी से ज्यादा सोडियम, पैसेंजर के आरोप से छिड़ी बहस, एयरलाइन ने दिया जवाब

हवाई सफर में खानपान की क्वालिटी को लेकर नया विवाद सामने आया है. इस मामले ने ऐसी ऑनलाइन बहस छेड़ दी कि एयरलाइन को आगे आकर पैसेंजर के आरोपों पर सफाई देना पड़ा. इसके बावजूद यूजर्स का गुस्सा थमता नहीं दिखता. दरअसल,  पैकेज्ड फूड (packaged foods) आइटम्स की समीक्षा के लिए मशहूर इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंग्का (Influencer Revant Himatsingka) के पोस्ट से यह हंगामा शुरू हुआ. “फ़ूड फार्मर” नाम से चर्चित रेवंत हाल ही में इंडिगो (Indigo) की फ्लाइट में थे. इस दौरान उन्होंने एयरलाइन द्वारा परोसे गए फूड की समीक्षा की. जिसके बाद ऑनलाइन विवाद शुरू हो गया.

इंडिगो के मैजिक उपमा में मैगी से 50 फीसदी ज्यादा सोडियम

रेवंत ने आरोप लगाया कि ‘इंडिगो के मैजिक उपमा (Magic Upma) में मैगी (Maggi) से 50 फीसदी ज्यादा सोडियम है.’ उन्होंने यहां तक ​​कहा कि एयरलाइन की ओर से परोसे जाने वाले पोहा और दाल-चावल में भी इंस्टेंट नूडल्स की तुलना में ज्यादा सोडियम होता है. रेवंत हिमतसिंगका ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर उसके साथ लिखा, “हममें से ज्यादातर लोग पहले से ही जानते हैं कि मैगी एक हाई सोडियम खाद्य पदार्थ है! इंडिगो के पैक्ड उपमा में मैगी के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा सोडियम है. इंडिगो के पोहा में मैगी की तुलना में 83 फीसदी अधिक सोडियम है और दाल-चावल में भी इतना ही सोडियम है.”

उन्होंने लिखा, ” उपमा, पोहा, दाल चावल हेल्दी दिखते हैं, लेकिन वे हेल्दी नहीं हैं. हमेशा याद रखें कि हेल्दी होने का दावा किए जाने वाला जंक फूड, हकीकत में जंक फूड से भी ज्यादा खतरनाक है.” हिमतसिंगका ने कहा कि भारतीय “बहुत अधिक सोडियम” का सेवन करते हैं और नियमित रूप से अतिरिक्त सोडियम का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ड प्रॉब्लम और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं.

ज्यादा ऊंचाई हमारे टेस्ट बड्स की सेंसिटिविटी को कम कर देती है

उन्होंने आगे कमेंट सेक्शन में लिखा, “एक कारण यह है कि हमें एयरलाइंस में अतिरिक्त नमक का स्वाद महसूस नहीं होता है, क्योंकि ज्यादा ऊंचाई हमारे टेस्ट बड्स की सेंसिटिविटी को कम कर देती है. यह भी एक कारण है कि ज्यादातर एयरलाइंस हमारे भोजन में एक्स्ट्रा नमक डालती हैं.”  वीडियो में दिख रहा है कि इंडिगो फ्लाइट से सफर कर रहे इन्फ्लुएंसर रेवंत ने सभी रेडी-टू-ईट फूड पैकेट का ऑर्डर दिया. इसके बाद उन्होंने सोडियम की मात्रा देखने के लिए सभी पैकेट की जांच की. उन्होंने उनके सोडियम और मैगी में मौजूद सोडियम के बीच तुलना की. आखिर में, उन्होंने बताया कि मैगी के मुकाबले उड़ान के दौरान दिए गए उपमा, पोहा और दाल चावल में सोडियम की मात्रा ज्यादा थी.

फूड रिव्यू के वायरल वीडियो पर  एयरलाइन की सफाई

यह रिव्यू इंटरनेट पर वायरल हो गया और एयरलाइन ने इस संबंध में एक बयान जारी कर सफाई दी. इंडिगो ने एक बयान में कहा कि वे केवल सम्मानित दुकानों से लिए हुए “ताजा” और “प्री-पैकेज्ड फुड” ही परोसते हैं. यात्रियों के पास ताजा और प्री-पैकेज्ड फूड में से चुनने या विमान में पहले से पैक किए गए फूड प्रोडक्ट्स को खरीदने का विकल्प होता है.” एयरलाइन ने कहा कि खाने के पैकेट पर जानकारी पैसेंजर्स को अपने विवेक से चुनने और इस्तेमाल करने के लिए दी गई है.

वाह, क्या यह सोडियम सेंस है!

शेयर किए जाने के बाद से इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स की खूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लाखों बार देखा जा चुका है और सात हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं. एक यूजर ने कहा, “वाह, किसने सोचा होगा कि उड़ान के दौरान हमारा ‘स्वस्थ’ भोजन इतने सोडियम भंडार को छिपाया हुआ हो सकता है? असल में यह मुझे हैरान करता है कि हमारे दैनिक जीवन में और क्या-क्या आश्चर्य छिपा हुआ है.” दूसरे ने लिखा, “वाह, क्या यह सोडियम सेंस है! कौन जानता था कि हवाई जहाज का खाना इतना हैरतअंगेज हो सकता है?”

फूड लेबलिंग में अधिक पारदर्शिता की जरूरत

तीसरे यूजर ने कमेंट किया, “यह चिंताजनक है, रेवंत, यह देखना कि स्वस्थ दिखने वाले प्रोडक्ट इस तरह के सोडियम पंच को कैसे पैक कर सकते हैं. हमें चुनने के लिए फूड लेबलिंग में अधिक पारदर्शिता की जरूरत है.” चौथे यूजर ने लिखा, “जो खाद्य पदार्थ पैक करके बेचे जाते हैं, वे विभिन्न कारणों से कभी भी स्वास्थ्यवर्धक नहीं हो सकते. लोग बड़ी कंपनियों के कारण उसको खाकर अपनी सेहत से समझौता करते हैं.” पांचवें यूजर ने लिखा, “यह ध्यान में रखते हुए कि औसतन एक आदमी  साल भर में शायद कुछ उड़ानें ही लेता है, यह सोडियम ठीक है.”

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