सीएम केजरीवाल ने LG को भेजी अस्पताल घोटाले की रिपोर्ट, कहा- चीफ सेक्रेटरी को तुरंत करें निलंबित
बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद दिल्ली सरकार ने अब उन पर इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज (आइएलबीएस) में बेटे को बिना टेंडर काम दिलवाने का आरोप लगाया है।
अब इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पताल घोटाले की विस्तृत जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी है। केजरीवाल ने एलजी को रिपोर्ट भेज कर उन्हें तुरंत हटाने और सस्पेंड करने की मांग की है।
आतिशी ने शुक्रवार को सौंपी थी जांच रिपोर्ट
शुक्रवार को इस संबंध में सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव इस अस्पताल के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने बेटे के एक स्टार्टअप को दिल्ली सरकार के इस अस्पताल में काम दिलवाकर करोड़ों का मुनाफा पहुंचाया गया। उधर, आइएलबीएस प्रशासन ने सरकार के आरोपों का खंडन किया है और बयान जारी कर कहा है कि एआइ सॉफ्टवेयर के विकास के लिए किसी वेंडर को भुगतान नहीं किया है।
मुख्य सचिव पर लगे हैं गंभीर आरोप
आप सरकार का दावा है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे द्वारा केवल आठ महीने पहले ही शुरू किए गए स्टार्टअप मेटामिक्स टेक्नोलाजीज को आइएलबीएस से एक महत्वपूर्ण प्रोजक्ट दिलवाने में मदद की।
सतर्कता मंत्री ने रिपोर्ट में कहा है कि मेटामिक्स मुख्य सचिव के बेटे और एनएचएआइ भूमि अधिग्रहण मामले में एक लाभार्थी द्वारा शुरू की गई थी। कंपनी आइएलबीएस के साथ मिलकर वहां एक रिसर्च लैब पर काम कर रही है, जिसके लिए दोनों के बीच 25 जनवरी 2023 को एमओयू साइन किया गया था।
पहले यह अनुबंध केवल छह माह के लिए था, लेकिन इसे 13 जुलाई 2023 को फिर से 12 माह के लिए बढ़ा दिया गया। समझौते में आइएलबीएस के डॉक्टरों को स्पान्सर करने और मेटामिक्स को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं देने की भी बात शामिल है, जबकि किसी अन्य तकनीकी कंपनी को ऐसी सुविधा लेने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
एमओयू में एआइ सॉफ्टवेयर के व्यावसायीकरण से लाभ का 50 प्रतिशत मेटामिक्स को देने संबंधी भी प्रविधान किए गए थे। साथ ही मेटामिक्स को आइएलबीएस के वसंत कुंज के वर्चुअल रियलिटी लैब के 3500 वर्ग फीट के आफिस का इस्तेमाल करने की बात शामिल है, जिससे उन्हें सीधे तौर पर 1.44 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हुआ। कंपनी को ये तकनीकी सुविधाएं मुफ्त में दे दी गईं, जबकि इन्हें विकसित करने में दिल्ली सरकार पिछले 10 वर्षों में आइएलबीएस को 1350 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दे चुकी है।
रिपोर्ट के अनुसार, नए बने वर्चुअल रियलिटी लैब का मुख्य सचिव ने 14 जनवरी 2023 को उद्घाटन किया था, जो आइएलबीएस और मेटामिक्स के बीच एमओयू के समझौते से मात्र दस दिन पहले हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, मेटामिक्स कंपनी 10 मई 2022 को शुरू हुई थी। इस कंपनी के पास किसी तरह की विशेषज्ञता, एडवांस हेल्थ डायग्नोसिस या एआइ या वर्चुअल रियलिटी एल्गोरिदम बनाने का कोई अनुभव नहीं था। मेटामिक्स की तरफ से इस शोध में मुख्य अनुसंधानकर्ता उनके 27 वर्षीय बेटे हैं, जिन्होंने फाइनेंस में डिग्री ली है और साइंटिफिक रीसर्च में उनको कोई अनुभव नहीं है।
आतिशी ने भी की बर्खास्त करने की सिफारिश
रिपोर्ट में आतिशी ने सिफारिश की है कि नरेश कुमार को तुरंत मुख्य सचिव और मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से बर्खास्त किया जाए, ताकि वो जांच को प्रभावित न कर सकें। इस मामले से संबंधित उनके पास मौजूद सभी फाइलें उनसे जब्त कर ली जाएं और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। इस मामले को सीबीआइ को भी भेजा जाए। साथ ही आइएलबीएस और स्टार्टअप मेटामिक्स के बीच हुए एमओयू को तुरंत समाप्त किया जाए।
भूमि अधिग्रहण में भी है घोटाले का आरोप
इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने द्वारका एक्सप्रेस-वे परियोजना में 850 करोड़ रुपये के भूमि अधिग्रहण घोटाला मामले में अपनी जांच रिपोर्ट को सीबीआई को भेजी थी।
इस रिपोर्ट में मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोपी है कि उन्होंने अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत से 22 गुना मुआवजा देने का आरोप लगाया है। एक ही कंपनी द्वारा साल 2015 में सर्कल रेट के 7 प्रतिशत पर भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामला मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए सीएम केजरीवाल की मंजूरी मिलने के बाद मामले को सीबीआई और ईडी को भेजा है।