दिल्ली के लिए अगले तीन दिन होंगे मुश्किल, दशहरे की आतिशबाजी बढ़ी समस्या
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान भी हवा खराब या बेहद खराब श्रेणी में रहने का अनुमान है। दशहरा पर होने वाली आतिशबाजी के असर से भी प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।
पिछले एक सप्ताह में राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, तापमान में गिरावट और ठंड की शुरुआत में राजधानी दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। राजधानी में हवा की दिशा उत्तरी पश्चिमी होने के चलते शनिवार से वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार 200 के अंक से ऊपर यानी खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है।
एक्यूआई 220 रहा
दिल्ली की हवा मंगलवार को भी खराब श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 220 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा खराब श्रेणी में होती है।
पुतला दहन से बढ़ेगा प्रदूषण
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा, ‘चूंकि वर्तमान में प्रदूषण उच्च स्तर पर है और उत्तर-पश्चिम भारत के खेतों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं दो से तीन घंटे तक पुतले जलाने से मौजूदा प्रदूषण भार में बढ़ोतरी होगी। इसका असर पुतले जलाने वाले स्थानों के नजदीक स्थित स्टेशनों पर दिखाई देगा। हालांकि, यह स्थिति दिवाली जितनी बुरी नहीं होगी जब लोग रात के दौरान पटाखे जलाते हैं और प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थिति के कारण प्रदूषक तत्व अटके रह जाते हैं।
पूरे हफ्ते नहीं होगी बारिश
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम), पुणे द्वारा जारी वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों में एक्यूआई ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ स्तर से ऊपर रहने की संभावना है, जिसमें बुधवार सुबह महत्वपूर्ण गिरावट हो सकती है। पूरे हफ्ते बारिश की कोई गतिविधि नहीं होने की भविष्यवाणी की गई है। सुबह धुंध के साथ आसमान साफ रहने की उम्मीद है। दिल्ली में रात का तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, और हवाएं मुख्य रूप से उत्तर पश्चिम भारत से आ रही हैं जहां पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ गई हैं। हवा की गति मध्यम, 6-10 किमी प्रति घंटे और रात के समय आमतौर पर शांत रहती है। 10 किमी प्रति घंटे से कम हवा की गति आमतौर पर प्रदूषकों को ठहराव की ओर ले जाती है और प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का कारण बनती है।