जानें भारत में आए 5 सबसे भयानक भूकंप के बारे में…

किस तरह प्राकृतिक आपदा कुछ ही पलों में हजारों लोगों की जानें ले सकती है उसकी एक बानगी सोमवार (6 फरवरी) को तुर्किये और सीरिया में देखी गई है। तुर्किये और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 2500 से ज्यादा लोगों की जानें ले ली। सोमवार को तुर्किये के नूर्दगी से 23 किमी पूर्व में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। तकरीबन एक मिनट तक आए इस भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गईं है।

गौरतलब है कि भारत ने तुर्किये को हर संभव देने की मदद की है। इतिहास में झाकें तो भारत भी कई बार भीषण भूकंप के झटके झेल चुका है, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। आइए जानते हैं भारत में आए पांच सबसे भयानक भूकंप के बारे में, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। 

2001 गुजरात भूकंप

जब भारत अपना 52वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। इसी दिन गुजरात के कच्छ जिले के भुज में भीषण भूकंप आया। भूकंप सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर आया और दो मिनट तक चला। इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा हजारों लोग घायल हो गए थे।

इस भयानक त्रासदी की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए थे। भूकंप की वजह से कई लोगों के घर जमींदोज हो गए कई लोग मलबे में दबे रह गए। भुज शहर में प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था।

उपरिकेंद्र के करीब होने के कारण, भुज अंजार, वोंध और भचाऊ सहित सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक था। भूकंप में कई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं। भुज शहर में प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। करीब 700 किलोमीटर दूर तक झटके महसूस किए गए। गुजरात के 21 जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

1934 बिहार भूकंप

साल 1934 के दौरान जहां एक ओर भारत आजादी की लड़ाई लड़ रहा था वहीं, 15 जनवरी 1934 को बिहार में 8.1 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया था। इस भूकंप के बाद मुंगेर और जमालपुर शहर पूरी तरह से मलबे की ढेर में तब्दील हो गया था। इस भूकंप को भारतीय इतिहास के सबसे भयानक भूकंपों में से एक माना जाता है। 

आपदा में 30,000 से अधिक लोगों के मारे जाने की बात कही गई थी। भूकंप का केंद्र पूर्वी नेपाल में स्थित था। इस भूकंप में जान-माल की व्यापक क्षति हुई थी। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि इसका असर उपकेंद्र से 650 किलोमीटर दूर कोलकाता में महसूस किया गया। बिहार के चार जिले पूर्णिया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और चंपारण सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से थे।

1993 महाराष्ट्र भूकंप

30 सितंबर, 1993 को महाराष्ट्र राज्य में आए भूकंप में 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे। लातूर जिले के किल्लारी गांव में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई। इस भूकंप का सबसे बुरा असर उस्मानाबाद और लातूर के रहने वालों पर पड़ा। भूकंप की वजह से 52 से अधिक गांव पूरी तरह से धराशायी हो गए थे।

1950 असम भूकंप

असम भूकंप जिसे मेडोग भूकंप के रूप में भी जाना जाता है। यह भूकंप 15 अगस्त, 1950 को आया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.6 थी। इस भूकंप का उपरिकेंद्र तिब्बत में रीमा में स्थित था। भूकंप की वजह से असम और तिब्बत दोनों जगहों जबरदस्त तबाही मचाई। अकेले असम में 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। इसे 20वीं शताब्दी के दस सबसे बड़े भूकंपों में से एक माना जाता था।

1991 उत्तरकाशी भूकंप

20 अक्टूबर, 1991 को उत्तराखंड राज्य में स्थित उत्तरकाशी, चमोली और टिहरी जिलों में रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप में एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे। इस प्राकृतिक आपदा में संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ था। गौरतलब है कि भूकंप के झटके दिल्ली तक महसूस किए गए थे।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker