घूमने के हैं शौकीन, तो राजस्थान इन 5 खूबसूरत शहरों की जरूर करें सैर

नई दिल्ली, अगर आप भी आखिरी हफ्ते में कहीं घूमने जाना चाह रहे हैं, तो राजस्थान का प्लान बना सकते हैं। राजस्थान के कई शहरों में ठंड काफी पड़ती है, तो कहीं मौसम सुहाना होगा। तो आइए जाने 5 ऐसे शहरों के बारे में जहां के लिए आप ट्रिप प्लान कर सकते हैं।

1. पुष्कर

यह छोटा सा शहर अजमेर से कुछ ही मिनट की दूरी पर बसा है। पुष्कर वैसे तो अपने केमल फेस्टिवल के लिए जाना जाता है, लेकिन दिसंबर के महीने में भी यहां घूमना एक अच्छा अनुभव होगा। पुष्कर हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। 52 घाट और 400 छोटे-छोटे मंदिरों में घूमना आपके ट्रिप को पूरा कर देगा। यहां का तालाब ज़रूर देखें। आप यहां फ्लाइट से आ सकते हैं, पुष्कर के पास है सांगनेर एयरपोर्ट और अगर ट्रेन से आ रहे हैं, तो अजमेर उतर कर कैब कर सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली से ड्राइव करके भी पुष्कर जाया जा सकता है, यहां पहुंचने में 7-8 घंटे लगेंगे।

2. उदयपुर

दिसंबर के महीने में घूमने के लिए झीलों की नगरी उदयपुर बेस्ट है। यहां का तापमान न ज़्यादा ठंडा और न ही ज़्यादा गर्म होगा। यहां रात में तापमान 12 डिग्री तक जा सकता है और सुबह 30 के आसपास रहता है। दिल्ली से उदयपुर जाने का बेस्ट तरीका ट्रेन या फिर फ्लाइट है।

3. रणथंभौर

रणथंभौर नैशनल पार्क, छुट्टियां मनाने के लिहाज़ से बेहतरीन जगह है। यह पार्क अक्टूबर से जून के महीनों तक खुला रहता है, सर्दियों के महीने यानी अक्टूबर से दिसंबर में इस जगह की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय होता है। यह प्रमुख रूप से अपने भव्य रणथंभौर किले के लिए जाना जाता है। किले के अलावा, एडवेंचर और अनोखे अनुभव के लिए वाइल्डलाइफ सफारी पर ज़रूर जाएं। यहां आप ट्रेन और फ्लाइट से पहुंच सकते हैं।

4. मंडावा

मंडावा राजस्थान का छोटा सा शांत शहर है, जो अपनी आर्ट गैलरीज़ के लिए जाना जाता है। इस शहर में कई खूबसूरत ऐतिहासिक संरचनाएं हैं जो अपने चित्रों, दिवार पर चित्रों और भव्य कलाकृतियों के लिए लोकप्रिय हैं। कला, इतिहास और वास्तुकला के शौकीन लोगों को यहां एक बार ज़रूर जाना चाहिए। यहां के पॉपुलर किलों को अब होटल में तब्दील कर दिया है। मंडावा अक्टूबर से लेकर फरवरी तक के लिए बेस्ट है।

5. सरिस्का टाइगर रिजर्व

सरिस्का टाइगर रिजर्व भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह राजस्थान के अलवर जिले में है। अलवर के महाराजा के शिकारगाह को 1955 में एक वन्यजीव रिजर्व और फिर प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 1978 में एक टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। यह जगह दिल्ली से 3-4 घंटे की ही दूरी पर है।

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