चारधाम यात्राः रिकॉर्ड 45 लाख श्रद्धालु पहुंचे, हेली टैक्सी से 190 करोड़ रुपये आय

देहरादून: कई मायनों में ऐतिहासिक रही चारधाम यात्रा बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही समपन्न हो गई है. एक तरफ जहां रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों की वजह से इस साल यात्रा सीजन खास रहा. वहीं, पर्यटन व्यावसाय से जुड़े लोगों की आमदनी और हेली सर्विस के लिए मारामारी भी चारधाम यात्रा को यादगार बना गई.

3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने के साथ ही सम्पन्न हो गई. 6 महीने तक चली यात्रा में जहां श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा करवाने का सरकार प्रयास करती रही. वहीं, कोविड के खतरे के बीच हेल्थ डिपॉर्मेन्ट की भी कोशिश रही कि यात्रा में संक्रमण का ख़तरा न रहे.

बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय बताते हैं कि यात्रा सीजन को लेकर हमें पहले से लग रहा था कि श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ेगा,इसलिए उसी हिसाब से तैयारियां भी की गई.

पूर्व जन्म में विवाहित गंधर्व थे नारद मुनि, ब्रह्मा के श्राप से बने थे शूद्र, जानिए रोचक कथा

सीजन में चैलेंजिस भी काफी रहे है. सबसे बड़ी दिक्कत रही यात्रियों की ओर से फैलाए गए कूड़े के ढेर. जिस पर पीएम मोदी ने भी मन की बात प्रोग्राम में चिंता भी जताई थी. साथ ही हेली सर्विस के लिए लोगों की आपाधापी और रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा न कर पाना भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा.

45 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, 281 लोगों की मौत

जानकारी के अनुसार, इस बार यात्रा को लेकर 4 लाख 40 हजार से ज्यादा गाड़ियों से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. चॉपर हादसे में 7 लोगों की मौत की घटना ने सबको झकझोर दि. साथ ही इस यात्रा के लिए करीब 45 लाख भक्त बाबा के दरबार पहुंचे साथ ही केदारनाथ में 190 करोड़ का बिजनेस हेली टैक्सी के जरिये हुआ.  साथ ही अकेले सोनप्रयाग में पार्किंग से 75 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है.

बहरहाल, तमाम चुनौतियों के बीच इस साल की यात्रा में कई कीर्तिमान बने.घोड़ा–खच्चर की रिकॉर्डतोड़ आमदनी से लेकर स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को प्रसाद बनाने का रोजगार मिला. साथ ही 2019 से ठंडे चल रहे पर्यटन व्यवसाय को भी इस सीजन में संजीवनी मिली.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker