अटूट आस्था का केंद्र दुर्गन भवानी मंदिर, यहां के जल से आंखों की बीमारी होती है दूर

अमेठी : उत्तर प्रदेश के अमेठी के गौरीगंज जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर सैठा-अठेहा मार्ग पर सिद्धपीठ दुर्गन भवानी धाम स्थित है. यहां मां दुर्गा विराजमान हैं. यह मंदिर प्राचीन समय से श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र रहा है. दुर्गन धाम में मां दुर्गा के भव्य मंदिर के साथ ही छोटे-बड़े मंदिर भी बने हुए हैं जो इस पवित्र धाम की भव्यता को बढ़ा देते हैं. केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी समेत कई बड़े नेता मां भवानी के दरबार में माथा टेक चुके हैं.

मंदिर के पीछे सरोवर और वहां लगे फूल भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं. यहां प्रतिदिन भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं. यहां प्रत्येक सोमवार के साथ नवरात्रि के दिनों में मेला भी लगता है.

दुर्गेन भवानी मंदिर का इतिहास और मान्यताएं

दुर्गेन भवानी मंदिर के पुजारी गोरखनाथ गिरी ने बताया कि इस मंदिर का प्राचीन इतिहास है. लगभग 2,000 वर्ष पूर्व अमेठी नरेश के पूर्वज महाराज माधव सिंह यहां आए और मां की शक्ति देख कर यहां मंदिर की स्थापना कराई. तब से आज तक निरंतर भक्तों के द्वारा यहां मां भवानी की पूजा-अर्चना की जाती है. मां भवानी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मान्यता है कि इस धाम में मां को चढ़ने वाला नीर (पानी) आंखों के लिए लाभकारी होता है.

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भक्त केशव सिंह बताते हैं कि इस मंदिर का नीर काफी लाभकारी है. आंखों में किसी भी प्रकार की समस्या हो या फिर कोई अन्य बीमारी हो, मां भवानी के नीर का सेवन करने से बड़े-बड़े मर्ज गायब हो जाते हैं. दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं और मां भवानी से अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं. मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर यहां भंडारा, हवन-पूजन, मुंडन संस्कार सहित अपने निजी कार्यक्रमों का आयोजन भी बड़ी धूमधाम से करते हैं.

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