सीरिया में तख्तापलट के बाद त्‍योहार पर लोगों की बढ़ी चिंता, विद्रोहियों ने जलाया क्रिसमस ट्री

सीरिया में तख्तापलट के बाद ही पहला त्योहार क्रिसमस आया है। इस त्‍योहार से पहले ईसाई धर्म की चिंताएं भी बढ़ गई थीं। लोगों को डर था कि कट्टरपंथी संगठन HTS के दमिश्क पर कब्जे के बाद क्रिसमस कैसे मनाएंगे। अब आपको बताते हैं वहां त्योहार के दौरान कैसा माहौल रहा। राजधानी में ईसाई समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनके बीच क्रिसमस ट्री को जलाए जाने को लेकर काफी आक्रोश रहा।

वहीं दमिश्क के चर्च में लगभग 500 श्रद्धालुओं के बीच क्रिसमस से पहले लोगों ने भजन गए, लोगों का कहना है कि उन्होंने कई सालों बाद राहत की सांस ली।

लोगों में डर का माहौल

सारा लतीफा नाम की एक महिला ने बताया कि पहले उन्हें डर था कि बशर अल-असद से सत्ता छिनने और विद्रोही इस्लामी गुटों के शासन के आने के बाद क्रिसमस कैसे मनाया जाएगा। उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में एक साथ आना और खुशी से प्रार्थना करना आसान नहीं था, लेकिन भगवान का शुक्र है कि हमने ऐसा किया। एक चर्च में मंगलवार को बिना किसी रोकटोक के जुटी भीड़ ने उनके इस डर को कम किया।

क्रिसमस ट्री जलाया गया

वहीं सीरिया की राजधानी दमिश्क में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने क्रिसमस ट्री को जलाने के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें मध्य सीरिया के ईसाई बहुल शहर सुकायलाबिया में क्रिसमस ट्री को जलते हुए देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दिखाया गया है कि हुड पहने लड़ाके हमा के पास ईसाई-बहुल शहर सुकायलाबिया में पेड़ में आग लगा रहे हैं।

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स युद्ध निगरानीकर्ता ने कहा कि वे विदेशी जिहादी थे। सीरिया के विजयी इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के एक स्थानीय धार्मिक नेता ने आगजनी की निंदा की।

सीरियन में अभी कितनी क्रिश्चियन आबादी?

गृह युद्ध शुरू होने से पहले तक सीरिया में करीब 15 लाख क्रिश्चियन रहते थे। ये कुल आबादी का 10 प्रतिशत था। बीते 14 साल में घटकर 2 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं। अभी देश में करीब तीन लाख क्रिश्चियन आबादी है। इनमें ज्यादातर दमिश्क और आसपास के इलाके में रहते हैं। दूसरे बड़े शहर अलेप्पो में इनकी आबादी 12 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 1.4 प्रतिशत रह गई।

सीरिया के विदेश मंत्री की ईरान को चेतावनी

वहीं सीरिया के नवनियुक्त विदेश मंत्री असद हसन अल-शिबानी ने मंगलवार को ईरान से कहा कि वह सीरिया में अराजकता न फैलाए बल्कि सीरियाई लोगों की इच्छा और देश की संप्रभुता का सम्मान करे।

एक्स पर एक पोस्ट में, शिबानी ने कहा, ‘ईरान को सीरियाई लोगों की इच्छा और देश की संप्रभुता और सुरक्षा का सम्मान करना चाहिए। हम उन्हें सीरिया में अराजकता न फैलाने से चेतावनी देते हैं। 

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