LAC से इंडो पैसिफिक तक भारत-US करेंगे मिलिट्री ड्रिल, संयुक्त सैन्याभ्यास से चीन को जाएगा कड़ा संदेश

भारत-चीन के बीच चली आ रही तनातनी के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास भारत मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य-से-सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए अगले दो महीनों में सैन्य अभ्यासों की एक श्रृंखला आयोजित करेगा। भारतीय नौसेना जापान के तट पर मालाबार चतुर्भुज अभ्यास में भाग लेगी। अमेरिकी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ भारत-अमेरिका अभ्यास युद्ध अभ्यास के लिए भारतीय सेना में शामिल होगी। ऑस्ट्रेलियाई सेना राजस्थान के रेगिस्तान में पैदल सेना अभ्यास के लिए भारतीय सेना में शामिल होगी।

मालाबार अभ्यास 8 नवंबर से शुरू हो जाएगी। 11 दिसंबर तक चलने वाली इन मिलिट्री एक्सरसाइज में भारत अपनी सैन्य ताकत दिखाएगा। भारत स्टील्थ फ्रिगेट INS शिवालिक, INS कामोर्टा, पनडुब्बी रोधी कार्वेट और P-8i लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान के साथ अभ्यास में भाग लेगा। एक अधिकारी ने कहा- युद्धाभ्‍यास में दोनों देशों के करीब 350-350 सैनिक शामिल होंगे। पहाड़ों और बेहद ठंडे इलाकों में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्‍स को परखा जाएगा। एक साल ये एक्सरसाइज भारत में होती है और एक साल अमेरिका में। पिछले साल ये युद्धाभ्यास अमेरिका के अलास्का में किया गया था।

दोनों सेनाओँ के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज होती है। जिसे युद्धाभ्यास के नाम से जाना जाता है। एक साल ये एक्सरसाइज भारत में होती है और एक साल अमेरिका में होती है। उत्तराखंड सटी एलएसी भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है। यहां पर एलएसी का बाड़ोहती इलाका भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित रहा है। दोनों सेनाओं के बीच इस युद्ध अभ्यास का मकसद भारत अमेरिका की समझ, सहयोग और आपसी तालमेल को बढ़ाना है।

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