दिवाली के बाद घुटने लगा दम, जानें दिल्‍ली के किस इलाके में हालत सबसे खराब

 दिल्ली:  दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पाबंदी के बावजूद दिवाली की रात जमकर पटाखे फोड़े. जिससे दिवाली की अगली सुबह राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता मंगलवार को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार मंगलवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 326 (very poor) था. बहरहाल पिछले साल के मुकाबले इस बार दिवाली के अगले दिन प्रदूषण का स्तर कम पाया गया. पिछले साल दिवाली के अगले दिन औसत AQI स्तर 462 (गंभीर श्रेणी) में था.

दिल्ली के अलीपुर में एक्यूआई 308, शादीपुर में 300, नरेला में 290, बवाना में 310, वजीरपुर में 313, आईटीओ पर 332, आनंद विहार में 363, पूसा में 323, डीटीयू में 304, मुंडका में 306 और पंजाबी बाग में 327 दर्ज किया गया. इस तरह देखा जाए तो दिल्ली के सभी इलाकों में भी मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई. नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर भी खराब हो गया और दिवाली के बाद एक्यूआई 342 था. जबकि गुरुग्राम की वायु गुणवत्ता अन्य स्थानों की तुलना में बेहतर थी. वहां एक्यूआई 245 पर ‘खराब’ श्रेणी में रहा.

दिवाली के दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट देखी गई. दिवाली की सुबह शहर में प्रदूषण का स्तर 276 के एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी में था, लेकिन यह कुछ ही घंटों में बढ़ गया. सोमवार शाम तक एक्यूआई बढ़कर 313 हो गया, जो इस साल पहली बार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आया. पटाखों के फोड़ने के साथ-साथ आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से निकलने वाले उत्सर्जन से भी शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.

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प्रतिबंध और सख्त दंडात्मक कार्रवाई की घोषणा के बावजूद दिल्ली में दिवाली की पूरी रात बड़ी संख्या में तेज आवाज वाले पटाखों की गड़गड़ाहट होती रही. शहर के कई हिस्सों में लोगों ने शाम होते ही पटाखे फोड़ना शुरू कर दिया और रात होते ही इसकी तेजी बढ़ गई. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल और 200 रुपये का जुर्माना लगेगा. जिसका कुछ खास असर नहीं हुआ.

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