GPF News: सरकारी कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खबर, जानिए क्या होगा आप पर असर

 दिल्ली. जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) के नियमों में कुछ बदलाव हुआ है. अब एक वित्त वर्ष में इसमें केवल 5 लाख रुपये तक का ही निवेश किया जा सकेगा. जीपीएफ, PPF जैसी ही एक स्कीम है, लेकिन इसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही योगदान दे सकते हैं.

जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विस) नियम, 1960, के अनुसार अब तक इस फंड में पैसा डालने के लिए कोई ऊपरी सीमा तय नहीं थी. अभी तक कर्मचारी अपनी सैलरी का एक प्रतिशत अमाउंट डाल सकते थे. 15 जून 2022 को एक सरकारी नोटिफिकेशन के माध्यम से इन नियमों में बदलाव किया गया था. नए नियमों के अनुसार, जीपीएफ अकांउट में एक वित्त वर्त के भीतर 5 लाख रुपये से अधिक की राशि नहीं डाली सकती.

अब, 11 अक्टूबर 2022 को, डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेल्फेयर (DoPPW) ने ऑफिस मेमोरेंडम में यही बात कही है. नोट में कहा गया है कि जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विस) नियम, 1960, के अनुसार, एक सबस्क्राइबर के संबंध में GPF कुल मेहनताने (emoluments) के 6 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए. हालांकि इस पर ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं थी.

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जीपीएफ क्या है?
GPF एक तरह का भविष्य निधि (PF) खाता है, लेकिन यह सभी कर्मचारियों के लिए लागू नहीं होता. जीपीएफ का लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता है. इसका लाभ पाने के लिए सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित भाग जीपीएफ में कंट्रीब्यूट करना होता है. सरकारी कर्मचारियों की एक निश्चित श्रेणी के लिए जीपीएफ में योगदान अनिवार्य है. रोजगार अवधि के दौरान कर्मचारी द्वारा जीपीएफ में किए गए योगदान से बनी कुल राशि का भुगतान कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय किया जाता है. सरकार जीपीएफ में योगदान नहीं करती है, केवल कर्मचारी द्वारा योगदान दिया जाता है. वित्त मंत्रालय हर तिमाही जीपीएफ की ब्याज दर में बदलाव करता है.

GPF पर ब्याज दर
वर्तमान में जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज पीपीएफ के बराबर ही है. डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनमिक अफेयर (DEA) ने 2022 की अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. फिलहाल यह 7.1 फीसदी है. अन्य स्कीमों जैसे कि CPF, AISPF, SRPF और AFPPF की ब्याज दरें भी इस तिमाही के लिए 7.1 फीसदी हैं.

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