भारतीय यूजर्स को निशाना बना रही है वॉट्सऐप की क्लोन ऐप, जानिए क्या है यह और कैसे करें इससे बचाव

दिल्ली : भारत वॉट्सऐप का सबसे बड़ा बाजार है, जहां लगभग 500 मिलियन यूजर्स इस ऐप का उपयोग करते हैं. इसके साथ ही भारत उन देशों में भी शामिल है, जहां एंड्रॉयड ट्रोजन डिटेक्शन की संख्या सबसे अधिक है. इस बीच लोकप्रिय वॉट्सऐप का एक नया मैलिशियस वर्जन योवॉट्सऐप सामने आया है. इसका इस्तेमाल भारत और अन्य देशों के लोगों को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है. इससे पहले वॉट्सऐप का एक क्लोन थर्ड-पार्टी अनाधिकारिक वर्जन सामने आया था. जो लोगों की चैट की जासूसी कर रहा था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऐप यूजर्स को कुछ ऐसे फीचर्स ऑफर करती है जो इसके आधिकारिक ऐप में नहीं मिलते हैं. साइबर सिक्योरिटी कंपनी Kaspersky का कहना है कि पिछले दो महीनों में 3,600 से अधिक इस मैलिशियस वर्जन का शिकार हो चुके हैं.

ट्रायडा मोबाइल ट्रोज को फैलाता है मैलवेयर
रूस स्थित Kaspersky का कहना है कि उसके रिसर्चर ने YoWhatsApp की खोज की है. वॉट्सऐप का एक नया मैलिशियस वर्जन ऐसे वेरिएंट के रूप में विज्ञापित किया गया है जिसमें ऐसे फीचर्स हैं, जो कंपनी के आधिकारिक ऐप में भी नहीं मिलती है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी का कहना है कि यह मॉड ‘ट्रायडा मोबाइल ट्रोजन’ फैलाता है. यह अन्य ट्रोजन भी डाउनलोड कर सकता है, पेड सब्सक्रिप्शन जारी कर सकता है और वॉट्सऐप अकाउंट भी चुरा सकता है.

3,600 से अधिक यूजर्स प्रभावित
Kaspersky का कहना है कि पिछले दो महीनों में 3,600 से अधिक यूजर्स मोबाइल ट्रोजन से प्रभावित हुए हैं और इनमें से सबसे अधिक यूजर्स भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको और इंडोनेशिया के हैं. YoWhatsApp को स्नैपट्यूब ऐप में एडवर्टाइज किया गया है और इसे Vidmate के माध्यम से भी डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है. इन दोनों ऐप का इस्तेमाल यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम से वीडियो डाउनलोड करने के लिए किया जाता है.

YoWhatsApp कैसे बनाता है निशाना
कुछ यूजर्स अक्सर सोचते हैं कि एक मुफ्त वॉटसऐप में पर्याप्त फीचर्स नहीं हैं और वे अधिक फीचर्स के लालच में वॉट्सऐप मोड डाउनलोड कर लेते हैं, जो उनको अधिक ऑप्शन देती है. इसमें कस्टम बैकग्राउंड और चैट के लिए फोंट, बल्क मैसेजिंग और पासवर्ड- प्रोटेक्टेड लॉगिन शामिल हैं. ऐसे यूजर्स को नहीं लगता है कि मॉड मैलिशियस हो सकते हैं. यूजर्स की इसी मानसिकता का फायदा उठाने के लिए साइबर क्रिमिनल योवॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं.

स्नैपट्यूब और विदमैट का करते हैं इस्तेमाल
वे स्नैपट्यूब के साथ-साथ विदमैट ऐप में मैलेशियस योवॉट्सऐपमॉड का विज्ञापन करते हैं. चूंकि इन प्लेटफार्मों का उपयोग दुनिया भर में लाखों यूजर्स द्वारा किया जाता है. यूजर्स को पता नहीं होता है कि यह मॉडिफाई ऐप खतरनाक हो सकता है. स्नैपट्यूब ऐप के विज्ञापन से ऐसा लगता है कि जैसे योवॉट्सऐप से यूजर्स को खतरा नहीं है.

यूजर्स को मिलते कई फीचर्स
ऐसे में एक बार जब यूजर्स योवॉट्सऐप मोड डाउनलोड कर लेते हैं, तो उन्हें आधिकारिक ऐप पर अपने अकाउंट को लॉग इन करने के लिए कहा जाता है. लॉग इन करने के बाद यूजर्स को ट्रायडा ट्रोजन के साथ-साथ बहुत सारे फीचर्स मिलते हैं. इसके बाद साइबर क्रिमिनल यूजर्स के डिवाइस पर मैलेशियस पेलोड चलाते हैं और उनके आधिकारिक वॉट्सऐप अकाउंट को होल्ड कर लेते हैं. कैस्पर्सकी का कहना है कि यह यूजर्स को पेड सबस्क्रिप्शन के लिए साइन अप करके अकाउंट को चुराने और यूजर्स से पैसे प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करता, जिसके बारे में लोगों को पता नहीं है.

योवॉट्सऐप से कैसे सुरक्षित रहें
साइबर अटैकर्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका आधिकारिक स्टोर और विश्वसनीय सॉर्स से ऐप इंस्टॉल करना है. इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन को दी जाने वाली परमिशन की जांच करें. और अपने स्मार्टफोन पर एक मोबाइल एंटीवायरस जरूर इंस्टॉल करें. बता दें कि यूजर्स को केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से एप्लिकेशन डाउनलोड करना चाहिए. आधिकारिक स्टोर से आपकी भले ही ज्यादा कस्टम फीचर्स न मिलें, लेकिन इससे आप ज्यादा सुरक्षित रहेंगें

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