महिला आरक्षण को बरकरार रख पाएगी धामी सरकार? कैबिनेट की बैठक में लिया ये फैसला

देहरादून: सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए स्थानीय महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण बरकरार रखने के लिए कैबिनेट ने अध्यादेश लाने पर सहमति दे दी है। इसके साथ ही कर्मचारियों को दिवाली बोनस और महंगाई भत्ता देने पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इन तीनों विषयों के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को अधिकृत किया है। वहीं, राजस्व क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से सिविल पुलिस के अधीन करने और कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्स एजेंसी बनाने की मंजूरी दे दी है।

सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसले लिए गए। बैठक में 28 प्रस्ताव लाए गए थे, जिनमें से 26 पर मुहर लगाई गई। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव शैलेश बगोली ने संयुक्त रूप से कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्थानीय महिलाओं को सरकारी नौकरियों में मिल रहे आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी है। इसके साथ ही आरक्षण बरकरार रखने के लिए अध्यादेश लाने पर सहमति दी गई है। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री धामी को इसके लिए अधिकृत किया है।

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कैबिनेट कर्मचारियों को दिवाली बोनस

कैबिनेट ने कर्मचारियों को दिवाली बोनस और केंद्र सरकार की भांति चार फीसदी महंगाई भत्ता देने पर भी सैद्धांतिक सहमति दी है। 4800 तक के ग्रेड पे वाले कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस के रूप में सात हजार रुपये की राशि मिल जाएगी। इन दोनों पर भी फैसला लेने के लिए सीएम को अधिकृत किया गया है।

उन्होंने बताया कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अब कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की तरफ से भी आउटसोर्स पर कर्मचारी रखे जा सकेंगे। इससे पहले पीआरडी के जरिए आउटसोर्स पर रखे जाने की व्यवस्था थी। वहीं, उपनल के जरिए पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को नौकरी देने की व्यवस्था है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद खत्म माना जा रहा था आरक्षण

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा की संशोधित कटऑफ सूची में आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद खंडपीठ ने आरक्षित श्रेणी (एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस) के पदों के लिए भी महिला आरक्षण के बिना संशोधित कटऑफ जारी करने को कहा। खंडपीठ ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने के साथ-साथ अगली सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तिथि तय की है।

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