धूमधाम से मनी गांधी जी व लालबहादुर शास्त्री की जयंती
हमीरपुर। किशनू बाबू शिवहरे महाविद्यालय मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत आजादी के संघर्ष के वैश्विक सूरमा गान्धी जी की जयन्ती 02 अक्टूम्बर और सादगी और साहस के साक्षी शास्त्री जी के जन्मदिन 02 अक्टूम्बर मेश्रद्धा सुमन अर्पित करते प्राचार्य डा भवानीदीन ने कहा कि बापू एक विराट पुरुष थे।
साथ ही शास्त्री जी का आजादी की लडाई और स्वतंत्रता के बाद देश के विकास मे बहुत योगदान रहा, जिसे कमतर नहीं कहा जा सकता है।अपने आदर्शों, अवधारणाओं और संघर्षी अवदान के कारण जहां टैगोर ने गान्धी जी को 1915 मे महात्मा और सुभाष चन्द्र बोस ने 1944 मे राष्ट्र पिता के संबोधन और उपाधि से नवाजा था, वहीं शास्त्री जी आजादी के आन्दोलनों की अगुवाई करके एवं 1942 के लोकयुद्ध मे मरो नहीं मारो का नारा देकर और अपने प्रधानमंत्रित्व काल मे जय जवान और जय किसान का आवाहन मन्त्र देकर अपनी जो पहचान बनायी थी, उसे कम नहीं आका जा सकता है, प्राचार्य ने आगे कहा कि इन दोनों विभूतियों के अनुदाय के आरेख को विस्मृत नहीं किया जा सकता है, कार्यक्रम मे डा श्याम नरायन, प्रत्यूष त्रिपाठी, हिमांशु सिंह, अखिलेश सोनी, आरती गुप्ता, राजकिशोर पाल,प्रदीप यादव, छात्राओं मे अनामिका गुप्ता, अनामिका यादव, कल्पना एवं खुशी आदि ने अपने विचार रखे, आयोजन मे देवेंद्र त्रिपाठी, राजकुमार गुप्ता, गनेश शिवहरे और मुकेश आदि उपस्थित रहे ,संचालन डा रमाकांत पाल ने किया।