क्‍या सच में पुलिसवालों ने डिलीट कर दिए गर्ल्‍स हॉस्‍टल के अश्‍लील वीडियो? फॉरेंसिक जांच से सामने आएगी हकीकत

दिल्लीः कानपुर के साईं निवास गर्ल्‍स हॉस्‍टल में तीन बाथरूम हैं और सभी के दरवाजे टूटे हैं। कुछ में लोहे के दरवाजे हैं तो वो गल चुके हैं। पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि सात साल से हॉस्‍टल में काम कर रहा कर्मचारी ऋषि यहां नहाती छात्राओं के वीडियो बनाता था। छात्राओं ने हॉस्टल वार्डेन सीमा पाल और संचालक पर भी गंभीर आरोप लगाए। गुरुवार को छात्राओं के हंगामे के बाद पुलिस ने आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच छात्राओं ने मौके पर पहुंची पुलिस पर भी आरोपी से मिलीभगत के आरोप लगा दिए। छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की गैलरी से अश्‍लील वीडियो डिलीट कर दिए। इस आरोप अब आरोपी के मोबाइल की फॉरेंसिंक जांच की तैयारी है। उम्‍मीद है कि फॉरेंसिक जांच से पूूूरा सच सामने आ जाएगा। 

छात्राओं का कहना है टूटे दरवाजों वाले बाथरूम से नहाने में दिक्कत होती थी पर किसी ने सुनी ही नहीं। इसकी वार्डेन और हॉस्पिटल संचालक से शिकायत भी कई बार की पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाथरूम के दरवाजे सही होते तो ऐसी शर्मनाक घटना ही नहीं होती। साईं निवास गर्ल्स हॉस्टल काकादेव के तुलसी नगर में स्थित है। छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाने का मामला सामने आने पर हड़कंप मच गया है।

पुलिस पर वीडियो डिलीट करने का आरोप 

कंट्रोल रूम की सूचना पर मौके पर पहुंचे पीआरवी जवानों पर भी छात्राओं ने आरोप लगाए। बताया कि इन पुलिसकर्मियों ने आरोपित ऋषि का मोबाइल चेक किया था जिसमें अश्लील वीडियो मोबाइल गैलरी में थे। छात्राओं का दावा है कि उन्होंने यह वीडियो देखे भी थे। मौके का फायदा उठाकर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से आरोपित ने अश्लील वीडियो डिलीट कर दिए। पीड़ित छात्राओं ने हॉस्टल के बाद रावतपुर और काकादेव थाने में जमकर हंगामा किया। रावतपुर थाने पहुंचीं छात्राओं को पुलिस ने मोबाइल में वीडियो न होने की बात कही जिस पर वे भड़क उठीं।

एसीपी बोले-सख्‍त कार्रवाई होगी

कल्याणपुर एसीपी दिनेश शुक्ला का कहना है कि मौके से मिले मोबाइल को सील कर जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट के पास भेजा गया है। आरोप सही पाए तो सख्त कार्रवाई होगी। छात्राओं का आरोप है कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए छह किलोमीटर तक भरी धूप में भटकती रहीं। किसी तरह रावतपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इतने गंभीर मामले में भी रिपोर्ट दर्ज करवाने में आठ घंटे से अधिक का समय लग गया।

बिना बताए कमरों में घुस जाता था ऋषि
ऋषि हॉस्टल में सफाई का काम भी करता था। छात्राओं का आरोप है कि वह इसकी आड़ में बिना बताए कमरों में भी घुस जाता था। कई बार आपत्ति भी दर्ज कराई थी लेकिन हॉस्टल संचालक और वार्डेन ने ध्यान नहीं दिया। छात्राओं ने वार्डेन और संचालक पर धमकाने का आरोप भी लगाया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker