भारत-पाकिस्तान मैच पर भड़की शिवसेना UBT का जोरदार प्रदर्शन

एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मुकाबले से पहले राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने इसे शहीदों के अपमान से जोड़ते हुए कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जब पहलगाम आतंकी हमले में हिंदू होने पर लोगों को मौत के घाट उतारा गया, 26 महिलाएं विधवा हो गईं, तब क्या पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना सही है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी की पीड़ा देखकर भी हम पाकिस्तान से खेलेंगे?
सावंत ने कहा कि शिवसेना की महिला शाखा ने तय किया है कि वे अपना सिंदूर इकट्ठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगी, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि शहादत की आंच को अनदेखा कर क्रिकेट नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर दोस्ताना व्यवहार देश के शहीदों की शहादत के खिलाफ है।
संजय निरुपम का बयान
इसी कड़ी में शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा कड़वाहट भरे रहे हैं। पाकिस्तान की विदेश नीति हमेशा भारत को नुकसान पहुंचाने की रही है। उसने आतंकियों को पनाह दी, उन्हें फंडिंग दी और निर्दोष भारतीयों पर हमले करवाए। निरुपम ने स्पष्ट कहा कि खेल, संस्कृति या कूटनीति किसी भी स्तर पर पाकिस्तान से संबंध नहीं होने चाहिए।
बीसीसीआई और आईसीसी पर सवाल
निरुपम ने हालांकि यह भी कहा कि बीसीसीआई और आईसीसी का तर्क है कि भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय मैच रोकने का फैसला लिया है, लेकिन बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में भारत का बहिष्कार टीम को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बावजूद उन्होंने जोर देकर कहा कि जब बात देश की भावनाओं की आती है, तो ऐसे मैचों का विरोध करना जरूरी है।
आप नेता सौरभ भारद्वाज क्या बोले?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी हाल ही में पाकिस्तानी आतंकियों ने महिलाओं के पति छीन लिए, पूरा देश उनके साथ रोया। सरकार कहती है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है, लेकिन अब वही सरकार पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की बजाय दुबई में जाकर उनसे क्रिकेट खेल रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी दिल्ली में उन रेस्तरां, बार और क्लबों का बहिष्कार करेगी जो यह मैच दिखाएंगे।
सिंदूर से कैसे होगा विरोध
आप की महिला इकाई ने भी एलान किया है कि वे अपने घरों से सिंदूर लाकर पार्टी कार्यालय में जमा करेंगी और फिर इसे सरकार तक भेजेंगी। भारद्वाज ने कहा कि यह कदम सरकार को यह याद दिलाने के लिए उठाया जा रहा है कि शहादत की पीड़ा को खेल के नाम पर हल्का नहीं किया जा सकता।
टीवी सेट तोड़कर किया गया विरोध
मुंबई के कर्ले रोड और कांदिवली में कार्यकर्ताओं ने टीवी सेट तोड़े। सांसद अरविंद सावंत और विधायक आदित्य ठाकरे ने भी विरोध में हिस्सा लिया। आदित्य ने कहा कि बीसीसीआई अभी भी मैच रुकवाकर यह दिखा सकता है कि वह भारत के साथ खड़ा है, लालच के साथ नहीं। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता मिलिंद नार्वेकर ने आरोप लगाया कि यह मैच कराने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंधेरे में रखकर लिया गया। वहीं पुणे में भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। भारत-पाक मैच को लेकर एक ओर जहां करोड़ों दर्शक रोमांचित हैं, वहीं शहीदों के परिवारों और राजनीतिक दलों का मानना है कि यह मुकाबला देश की भावनाओं से खिलवाड़ है। सवाल यह है कि क्या खेल को राजनीति से अलग रखा जाए या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और शहादत को प्राथमिकता मिले? यही मुद्दा आज देशभर में बहस का केंद्र बना हुआ है।