EV कंपनी फाउंडर इंटरव्यू: EV सेगमेंट से जुड़ी कंपनियों को हर साल 25% की ग्रोथ

दिल्ली : देश के अंदर कई उतार-चढ़ाव से जूझने के बाद भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर इंडस्ट्री में शानदार ग्रोथ देखने को मिल रही है। पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को आग लगने के कई मामले सामने आए हैं, इसके बाद भी अगस्त में इसकी ईयरली ग्रोथ 238% रही। जी हां, अगस्त 2021 में 14,913 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बिके थी, जो अगस्त 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 50,475 यूनिट हो गई। इस एक साल के दौरान कई नई कंपनियां और स्टार्टअप भी इस सेगमेंट में आ गए हैं। ईवी की सेल्स को बढ़ाने में ईवी ईवी एक्सपो (EV Expo) का भी बड़ा हाथ है। 2015 में शुरू हुए इस इवेंट का स्तर काफी बढ़ गया है। अब इसमें 150 से ज्यादा कंपनियां शिरकत करने लगी हैं। इस इवेंट को कराने वाली कंपनी अल्टीअस ऑटो सॉल्यूशन (Altius Auto solutions) के फाउंडर राजीव अरोड़ा से livehindustan ने खास बात की।
1. ईवी एक्स्पो में हर साल क्या बदल रहा है? 2023 में इसका स्तर कैसा होगा?
जवाब: ईवी एक्सपो को जो पहला एडिशन था वो हमने 2015 में शुरू किया था। उस वक्त ज्यादातर ई-रिक्शा डिस्प्ले में हुआ करते थे। इसमें 80 से 90% तक चाइनीज ई-रिक्शा होते थे। या उसमें लगने वाला मटेरियल चाइनीज होता था। अब 7 साल बाद यानी 2022 में इस शो को देखा जाता है तो लगभग 90% सब कुछ भारत का ही है। यानी ई-रिक्शा और उसमें लगने वाले कम्पोनेंट्स भारत में तैयार हो रहा है। ये सबसे बड़ा बदलाव आया है।
दूसरा जो बड़ा बदलाव आया है उसमें अब ई-रिक्शा के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक साइकिल, इलेक्ट्रिक ऑटो, इलेक्ट्रिक बस भी शामिल हुई हैं। वहीं, तीसरा बदलाव ये है कि लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर जो नजरिया था वो अब बदल रहा है। पहले लोग यही समझते थे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ कमर्शियल यूज के लिए होता है, लेकिन अब लोग अपने इस्तेमाल में भी इसे ले रहे हैं। सरकार की तरफ से जो अवेयरनेस और सब्सिडी मिल रही है उससे भी इस सेगमेंट को फायदा मिल रहा है।
1. ईवी एक्स्पो में हर साल क्या बदल रहा है? 2023 में इसका स्तर कैसा होगा?
जवाब: ईवी एक्सपो को जो पहला एडिशन था वो हमने 2015 में शुरू किया था। उस वक्त ज्यादातर ई-रिक्शा डिस्प्ले में हुआ करते थे। इसमें 80 से 90% तक चाइनीज ई-रिक्शा होते थे। या उसमें लगने वाला मटेरियल चाइनीज होता था। अब 7 साल बाद यानी 2022 में इस शो को देखा जाता है तो लगभग 90% सब कुछ भारत का ही है। यानी ई-रिक्शा और उसमें लगने वाले कम्पोनेंट्स भारत में तैयार हो रहा है। ये सबसे बड़ा बदलाव आया है।
दूसरा जो बड़ा बदलाव आया है उसमें अब ई-रिक्शा के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक साइकिल, इलेक्ट्रिक ऑटो, इलेक्ट्रिक बस भी शामिल हुई हैं। वहीं, तीसरा बदलाव ये है कि लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर जो नजरिया था वो अब बदल रहा है। पहले लोग यही समझते थे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ कमर्शियल यूज के लिए होता है, लेकिन अब लोग अपने इस्तेमाल में भी इसे ले रहे हैं। सरकार की तरफ से जो अवेयरनेस और सब्सिडी मिल रही है उससे भी इस सेगमेंट को फायदा मिल रहा है।
2. पिछले 5 साल के दौरान ईवी एक्सपो में कंपनियों की संख्या कितनी बढ़ गई है?
जवाब: पिछले 5 साल की बात करें तो पहले जहां 50 से 60 कंपनियां होती थीं, वो अब बढ़कर 150 तक पहुंच की है। इसमें अब अब अलग-अलग तरह के रेंज देखे को मिलती है। जैसे- पहले ई-रिक्शा या कमर्शियल व्हीकल ज्यादा होते थे, लेकिन अब इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक साइकिल, इलेक्ट्रिक ऑटो, इलेक्ट्रिक बस और इलेक्ट्रिक कार से जुड़ी कंपनियां शामिल होती हैं।
3. आने वाले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में क्या चेंजेस देखने को मिलेंगे?
जवाब: आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में जो सबसे बड़ा चेंज स्वैपिंग बैटरी का देखने को मिलेगा। यानी आपको बैटरी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदना होगा। जिस तरह से आज की तारीख में आपको फ्यूल मिलता है उसकी तरह से अलग-अलग कंपनी और स्टैंडर्ड की बैटरी स्वैप कर पाएंगे। अभी एक इलकेट्रिक टू-व्हीलर में कुल कीमत में 60% बैटरी की होती है। यानी आपको सिर्फ 40% पर ही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मिल जाएगा। आपको बैटरी के खराब होने, या रिप्लेस करने की टेंशन नहीं होगी। सबसे बड़ी बात की बैटरी स्वैपिंग से आप कितनी भी दूरी का सफर तय कर पाएंगे।
एक बड़ा बदवाल इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की स्पीड में भी आएगा। जैसे अभी कई लोग स्पीड यानी 25Km/h स्पीड वाले स्कूटर भी आ रहे हैं। आने वाले दिनों में ये 80 से 100 Km/h तक पहुंच जाएंगे। ये सभी तरह की सड़कों के साथ पहाड़ी इलाके (हिल स्टेशन), पुल पर भी आसानी से चल पाएंगे। इसमें तीसरा सबसे बड़ा बदलाव ट्राइक ई-व्हीकल होंगे। सरकार ने इन्हें परिमशन दे दी है। ये टू-व्हीलर और कमर्शियल थ्री-व्हीलर के तैर पर इस्तेमाल कर पाएंगे। अब इस तरह की गड़ियां ज्यादा आएंगी। ये फैमिली के लिए भी काम में आएंगी। इससे लगो बिजनेस भी कर पाएंगे।
4. पिछले कुछ महीने में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बैटरी में आग लगने के मामले से इस सेगमेंट पर क्या असर हुआ है?
जवाब: ये बात सही है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में आग लगने से पूरी इंडस्ट्री पर बुरा असर हुआ है। अब सरकार ने इसकी जांच करके नए स्टैंडर्ड तैयार किए हैं जिसकी वजह से आने वाले दिनों में इसे सही कर लिया जाएगा। नए स्टैंडर्ड 1 अक्टूबर से लागू भी होने वाले हैं।
5. देश में तैयार हो रहे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में बाहर से कितने पार्ट आ रहे हैं?
जवाब: अब देश में जितने भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर तैयार हो रहे हैं उसमें लगभग 80% भारत में तैयार किए जाने वाले कम्पोनेंट ही लगाए जा रहे हैं। वहीं, कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को 100% भारत में ही तैयार हो रहे हैं। हालांकि, ई-स्कूटर में इस्तेमाल होने वाली बैटरी में जो सेल लगते हैं वो भारत में तैयार नहीं होते हैं। इन्हें देश के बाहर से ही मंगाया जाता है। इस तरह मोटर और एक्सलेटर में जो मैग्नेट होती है वो भी भारत में तैयार नहीं की जाती।