रिपोर्ट : क्‍यों मौत का कुआं बन गया है मुंबई-अहमदाबाद हाईवे?

दिल्‍ली : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को गुजरात के सबसे बड़े वाणिज्यिक शहर अहमदाबाद से सीधे जोड़ने के लिए हाईवे का निर्माण किया, ताकि दोनों शहरों के लोग सीधे जुड़ सकें. अब यही मुंबई-अहमदाबाद हाईवे इन दिनों सुविधा कम और दुविधा के लिए ज्‍यादा चर्चा में है. इस हाईवे को डेथ ट्रैप या मौत का कुआं भी कहा जाने लगा है. टाटा सन्‍स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्‍त्री की मौत भी इसी हाईवे पर एक सड़क दुर्घटना में हुई. अन्‍य बातों के साथ हाईवे के रखरखाव और उसके निर्माण के तौर-तरीकों की भी आलोचना होने लगी है. साइरस मिस्‍त्री की कार के दुर्घटनाग्रस्‍त होने के बाद पिछले दिनों मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक और हादसा हुआ जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर इतनी सड़क दुर्घटनाएं क्‍यों होती हैं? क्‍या इसमें सिर्फ वाहन चालकों की गलती है या फिर हाईवे के रखरखाव में कमी और उसके निर्माण की खामियां भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं? महाराष्‍ट्र-गुजरात सीमा पर स्थित अमागांव के पास हाल में ही 2 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. चालक का वाहन पर नियंत्रण नहीं रहा था. साइरस मिस्‍त्री की कार इसी हाईवे पर दहानु तालुका के चरोटी में दुर्घटनाग्रस्‍त हुई थी. हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों का कहना है कि सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो चुकी हैं. जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. ऐसे में तेज रफ्तार में वाहन चलाना प्राणघातक साबित हो रहा है.

हादसे की मुख्‍य वजह
मुंबई-अहमदाबाद हाईवे से सफर करने वाले लोगों का कहना है कि सड़क पर कई जगह ऐसे गड्ढे हैं जो ठीक से दिखते भी नहीं हैं. इसके अलावा गाड़ियां भी सही तरीके से नहीं चलाई जाती हैं. यातायात नियमों का पालन सही तरीके से नहीं किया जाता है. निर्धारित लेन में वाहनों के न चलने से हालात और भी बिगड़ जाते हैं और इस तरह हादसों को निमंत्रण भी दिया जाता है. ओवरटेक करने की वजह से भी अव्‍यवस्‍था की स्थिति बन जाती है. खासकर वापी और दमन के बीच हालात और भी बिगड़ जाते हैं. मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर ट्रैफिक की अव्‍यवस्‍था की ओर सही तरीके से ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है.

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सामाजिक कार्यकर्ता जगदीप देसाई बताते हैं कि ट्रक और बस ड्राइवर्स द्वारा यातायात नियमों का ज्‍यादा मखौल उड़ाया जाता है. वह बताते हैं कि कई वाहन तो बाएं साइड से गुजर जाते हैं, जबकि कई जगहों पर सड़क की हालत भी काफी खस्‍ता है. अखिल भारतीय वाहन चालक मालिक महासंघ के प्रवक्‍ता हरबंस सिंह कते हैं कि मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर चरोटी फ्लाइओवर पर दक्षिणी लेन की चौड़ाई 10.50 मीटर है, लेकिन सूर्य नदी पर बने पुल पर इसकी चौड़ाई महज 7 मीटर ही बचती है. उन्‍होंने निर्माण को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं.

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