चीन में भूकंप से अब तक 65 लोगों की मौत, ताइवान की मदद लेने से किया इनकार
बीजिंग : चीन (China) के सिचुआन प्रान्त (Sichuan Province) में सोमवार को 6.8 तीव्रता के आए बड़े भूकंप (Earthquake) में अब तक 65 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं. करीब 16 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. इस जोरदार भूकंप से चीन को भारी नुकसान पहुंचा है और वहां रेस्क्यू ऑपेरशन अभी भी जारी है. भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी रहा, जो इस समय कोरोना के बढ़ते मामलों से भी जूझ रहा है.
प्रभावित इलाकों में फंसे 50 हजार से अधिक लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भूकंप के बाद से कई टीमों को राहत और बचाव के काम में लगा दिया गया है. फायर ब्रिगेड की 1100 टीमें कार्य में लगी हुई हैं, जबकि भूकंप से प्रभावित लोगों को बचाने के लिए 6500 से अधिक बचाव दल की टीमें लगी हुई हैं.
भूकंप आने के एक दिन बाद से अभी तक लगभग 16 लोगों की लापता और 65 लोगों की जान जाने की पुष्टि की गई है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई थी. जगह-जगह चट्टानें भी टूटकर सड़कों पर गिर गईं तो वहीं रिहायशी इलाकों में इमारतों के मलबे में लोग दब गए.
अचानक से आया हुआ भूकंप इतना जोरदार था कि शहर की बड़ी-बड़ी इमारतें भी भूकंप के झटके को सहन नहीं कर सकीं और पल भर में जमीदोज हो गईं. तो वहीं बिजली के खंभे टूटकर गिर गए, जिससे कई हजार घरों में बिजली गुल हो गई. सिचुआन में भूकंप से हर तरफ तबाही और बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है. जानकारी के मुताबिक, एक ग्रामीण राजमार्ग भूकंप की वजह से ब्लॉक हो चुका है. साथ ही भूकंप के झटके चेंगदू में भी महसूस किए गए. यहां इमारतें हिल गईं है, जो भूकंप के केंद्र से लगभग 125 मील दूर स्थिति है.
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उधर, ताइवान अपनी राहत टीम भेजने के लिए चीन की हरी झंडी का इंतज़ार कर रही है, लेकिन चीन ताइवान की इस मदद को स्वीकार नहीं कर रहा है. ताइवान ने चीन को भूकंप राहत में मदद करने के लिए तनाव को भूलकर हाथ आगे बढ़ाया है. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में ताइवान अपनी रेस्क्यू टीम भेजने के लिए तैयार है. ताइवान राहत टीम भेजने के लिए चीनी हरी झंडी का इंतज़ार कर रही है, लेकिन चीन ने अभी तक उत्तर नहीं दिया है. प्राकृतिक आपदा के दौर में भी चीन ताइवान से दुश्मनी निभाता नजर आ रहा है.
ताइवान ने कहा है कि हमारे जो एक्सपर्ट्स हैं, वो जानते है ऐसी आपदा की घड़ी में कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है, लेकिन चीन ताइवान की इस मदद को स्वीकार नहीं कर रहा है और जवाब तक नहीं दे रहा है. बताया जा रहा है 2008 में जब चीन में इसी तरह भूकंप आया था, तब ताइवान ने इसी तरह चीन की मदद के लिए टीम भेजी थी.