यदि आप उत्तराखंड में ज़मीन खरीद रहे है तो रहे सावधान,नहीं तो धोखा होने पर सुनने वाला कोई नहीं

देहरादून : उत्तराखंड में अगर आप भी ज़मीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो हमारी यह खबर ज़रूर देखें क्योंकि पिछले कुछ सालों में उत्तराखण्ड में ज़मीन खरीदना महंगा ही नहीं, धोखे का सौदा भी हो गया है. पहाड़ की वादियों में अपना आशियाना बनाना सभी का सपना होता है लेकिन आपके इस सपने पर भू-माफियाओं की नज़र है. ज़मीन की खरीद के समय कब आपको बेवकूफ बनाकर धोखाधड़ी कर दी जाएगी, आपको पता भी नहीं चलेगा. देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर में लैंड फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं और आज तक केस पुलिस की फाइलों में ही घूम रहे हैं.

साल 2020 में केवल देहरादून में ही 350 केस, तो साल 2021 में 154 केस लैंड फ्रॉड के दर्ज हुए. वहीं इस साल भी 100 से ज्यादा केस ज़मीन की धोखाधड़ी के अब तक दर्ज हो चुके हैं. तस्वीर तो यह है कि आपकी ज़मीन पर भू-माफिया कब कब्ज़ा कर जाये, आपको पता भी नहीं चलेगा. हैरानी वाली बात यह कि इन मामलों में पुलिस से लेकर प्रशासन का रवैया तक लचर है. कुछ शिकायतकर्ता तो ऐसे मिले जिनके पास गवर्नर से लेकर सीएम तक के ऑर्डर हैं कि जांच हो, लेकिन बस वो फाइलों के साथ ही थानों और कचहरी के चक्कर ही लगा रहे हैं.

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ऐसे हो रहे हैं धोखे और ये है रोना

रिटायर्ड ऑनरेरी कैप्टन राम किशोर का कहना है कि विकासनगर में उनकी ज़मीन पर भूमाफिया कब्ज़ा कर चुके हैं. सीएम से लेकर गवर्नर के पास वह जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ. कुछ इसी तरह का हाल दूसरे केसों में भी दिखा. लैंड फ्राॅड के शिकार संजय ने भी कहा कि लगातार डीएम से गुजारिश की, लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ. अधिकारियों का रवैया भी बेरुखी का बना हुआ है. हालांकि कुछ रियल एस्टेट कंपनियों को बैन किया जा चुका है, लेकिन फ्राॅड की शिकायतों पर सुनवाई होने में कोताही हो रही है.

दरअसल ज़मीन धोखाधड़ी के मामलों में रियल एस्टेट बिज़नेस में बूम भी बड़ी वजह के तौर पर देखा जा रहा है. हाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कुछ कार्यक्रमों में निवेशकों से उत्तराखंड के मैदानी व शहरी इलाकों में होटल एवं रियल एस्टेट इंडस्ट्री से निवेश की बातें भी कहीं. दून में जिस तरह के मामले आ रहे हैं, उनमें भाई-भतीजावाद और फैमेली लैंड डिस्प्यूट भी बड़ी तादाद में हैं. इधर दून की ज़िलाधिकारी सोनिका का कहना है कि मौसम की वजह से दिक्कतें पेश आ रही हैं, बारिश के कम होते ही काम में तेज़ी आएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में एसडीएम स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

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