दिमाग पर बुरा असर डालती है टीवी देखने की लत
अक्सर कहा जाता है कि ज्यादा टीवी देखना आंखों की सेहत के लिए नुकसानदेह है। मगर एक हालिया अध्ययन की मानें तो टीवी की लत मस्तिष्क पर भी बुरा असर डालती है।
मध्यम आयु वर्ग में अधिक टीवी देखने से मस्तिष्क सिकुड़ सकता है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने टीवी के सामने दिन में दो घंटे से अधिक समय बिताने वालों के स्कैन का अध्ययन किया।
ऐसे लोगों के मस्तिष्क में ग्रे मैटर की मात्रा कम पाई गई। यह आमतौर पर मस्तिष्क के खराब प्रदर्शन का संकेत है। यह निश्चित रूप से ब्रिटिश टीवी प्रशंसकों के लिए बुरी खबर है, जो रोजाना औसतम पांच घंटे से भी अधिक समय टीवी देखने में बिताते हैं।
एक सर्वे के मुताबिक 2020 में औसतन ब्रिटिश ने रोजाना टीवी या ऑनलाइन वीडियो देखने में पांच घंटे 40 मिनट का समय बिताया।
अमेरिकी शोध के अनुसार 30 से 50 वर्ष की आयु के बीच औसत दैनिक टीवी देखने का प्रत्येक अतिरिक्त घंटा ग्रे-मैटर वॉल्यूम में 0.5 प्रतिशत की कमी ला सकता है।
बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अध्ययनकर्ता डॉ रयान डौघर्टी ने कहा कि संज्ञानात्मक और मस्तिष्क स्वास्थ्य के संदर्भ में सभी गतिहीन व्यवहार एक समान नहीं होते हैं।
टेलीविजन देखने जैसी गतिहीन गतिविधियां याददाश्त को नुकसान के अधिक जोखिम से जुड़ी हुई हैं, जबकि संज्ञानात्मक रूप से गतिहीन गतिविधियां (जैसे पढ़ना, कंप्यूटर और बोर्ड गेम) डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की कम संभावना से जुड़ी हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने 1990 और 2011 के बीच चार प्रमुख अमेरिकी शहरों के 599 वयस्कों की ग्रे-मैटर वॉल्यूम और टेलिविजिन देखने की आदतों के बीच संबंध की जांच की।
प्रतिभागियों से उनकी टेलिविजन देखने की आदतों के बारे में पूछा गया और हर पांच साल में उनका साक्षात्कार लिया गया।
पिछले दो दशकों में प्रतिभागियों ने औसतन प्रतिदिन ढाई घंटे टीवी देखा। एमआरआई स्कैन में पाया गया कि अधिक टीवी देखने के वालों में फ्रंटल कॉर्टेक्स और एंटोरहिनल कॉर्टेक्स में मात्रा कम पाई गई। इसके बाद मध्यम आयु में कुल ग्रे-मैटर वॉल्यूम में कमी देखी गई।