टीकाकरण के बिना छात्रों को कैंपस में नहीं मिलेगी एंट्री
लंबे अंतराल के बाद आईआईटी पटना कैंपस फिर से छात्रों के लिए खोला जा रहा है लेकिन कैंपस में प्रवेश को लेकर काफी सख्त गाइडलाइन जारी की गई है।
कैंपस में उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलेगा, जिन्होंने वैक्सीन की कम से कम पहली डोज ले ली है। वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र छात्रों को प्रवेश द्वार पर ही दिखाना होगा।
अगर कोई छात्र प्रमाण पत्र दिखाने में असमर्थ रहता है तो उसे कैंपस में प्रवेश की इजाजत नहीं मिलेगी। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच आईआईटी पटना में भी चरणबद्ध तरीके से छात्रों को बुलाया जा रहा है।
पीएचडी कोर्स से जुड़े पांचवें वर्ष से जुड़े शोधार्थी कैंपस में आ चुके हैं। इसके बाद अलग-अलग कोर्स से जुड़े छात्रों को बुलाया जाएगा। सबसे पहले शोध छात्रों को बुलाने की तैयारी है।
छात्रों को हॉस्टल या लैब में प्रवेश से पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा। आईआईटी के प्रवेश द्वार पर मेडिकल टीम की तैनाती है। बाहर से आने वाले छात्रों को सबसे पहले प्रवेश द्वार पर आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी।
कोवैक्सीन या कोविशील्ड का पहला डोज ले चुके छात्रों को ही प्रवेश की इजाजत मिलेगी। आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट, मेडिकल टीम की जांच और वैक्सीन की पहली डोज लेने वाले प्रमाण पत्र की जांच के बाद भी छात्रों को सात दिन तक कैंपस में क्वारंटाइन रहना अनिवार्य है।
क्वारंटाइन अवधि बिताने के बाद छात्रों की फिर से मेडिकल जांच की जाएगी। अगर वे फिट पाये जाते हैं तभी उन्हें एकेडमिक डिपार्टमेंट में प्रवेश की इजाजत मिलेगी।
छात्रों को कैंपस में सामाजिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करना होगा। फिलहाल उन्हें एकत्रित होने की इजाजत नहीं होगी। कैंपस में अभी सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।
विभिन्न जांच प्रक्रियाओं से गुजरने वाले छात्रों को ही लैब में प्रवेश मिलेगा। आईआईटी के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र प्रामाणिक ने बताया कि भले ही कैंपस में छात्रों को प्रवेश की इजाजत मिली है लेकिन अभी ऑनलाइन कक्षाएं ही चलेंगी।