धोखाधड़ी से निकला 4.60 लाख वापस मिला
बांदा,संवाददाता। धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के मामले में पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायणा ने जांच के बाद कार्रवाई कराकर ठगी का शिकार हुई महिला को 8 महीने बाद 4.60 लाख रुपये वापस दिला दिए। कबरई (महोबा) निवासी राजकुमारी ने कबरई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जन सुविधा केंद्र में पिछले वर्ष 29 सितंबर से 45 दिनों तक 10-10 हजार रुपया उसके खाते से ट्रांसफर होता रहा।
उसे पता नहीं चला। आईजी ने इस केस की विवेचना कबरई पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच महोबा के क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर राजकुमार को सौंप दी। साथ ही मंडलीय साइबर थाने के प्रभारी फहीम अख्तर और हेड कांस्टेबिल महितोष मिश्र को भी इसमें लगाया।
जांच में सामने आया कि राजस्थान की दो कंपनियों के 35 पेटीएम खातों में 4 लाख 52 हजार 900 रुपया अलग-अलग भेजा गया। कंपनी के इंचार्ज दीपक अग्रवाल ने आईसीआईसीआई बैंक के साफ्टवेयर से टूल्स का रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें 26 लाख रुपये सिक्योरिटी जमा की थी। जांच कर रही साइबर टीम ने यह राशि वापस कर ली।
इसी में से राजकुमारी के 4 लाख 60 हजार वापस किए गए। आईजी ने अपने कैंप कार्यालय में राजकुमारी को पैसा वापसी का प्रमाण पत्र सौंपा। साथ ही टीम को शाबासी देते हुए प्रशस्ति पत्र और इनाम देने की घोषणा की।