सरकारी सामानों के रखरखाव में लापरवाही

बांदा,संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए शासन-प्रशासन अस्पतालों में व्यवस्थाएं मुहैया कराने में जुटा है तो दूसरी तरफ सरकारी समानों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है। इसकी बानगी जिला अस्पताल है।

पीकू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) के आइसोलेशन वार्ड के लिए उपलब्ध कराए गए पलंग और गद्दे जमीन पर पड़े खराब हो रहे हैं। उन्हें कबाड़ की तरह रखा गया है। धूल की परत चढ़ रही है। जिम्मेदार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला अस्पताल परिसर स्थित निर्माणाधीन मंडलीय चिकित्सालय के भूतल में पलंग और गद्दे गैलरी में रखे गए हैं।

सही रखरखाव न होने और लापरवाही के चलते गद्दे खराब हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों को भी सामानों के रखरखाव में हो रही लापरवाही नजर नहीं आ रही। यहां 100 बेड का पीकू वार्ड बनना है। इनमें 20 बेड का आईसीयू वार्ड तैयार है। 40 बेड का एचडीयू और 40 बेड का आइसोलेशन वार्ड और बनना है।

पीकू वार्ड में भर्ती बच्चों की देखरेख में यहां रुकने वाले अभिभावकों को पलंग दिया जाएगा। इसके लिए अलग वार्ड तैयार किया जा रहा है, लेकिन आईसीयू के अलावा फिलहाल अन्य वार्ड तैयार नहीं हैं।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि भूतल के हाल में काम चल रहा है। इसलिए अभी बेड नहीं डाले गए हैं। बाहर बेतरतीब रखे गए पलंग और गद्दों की जानकारी नहीं है। रखरखाव में लापरवाही से सामान खराब हुए तो जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।

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