नवजात बच्ची को बचाने वाले नाविक को मिलेगा सरकारी आवास
बच्ची के पालन पोषण का खर्चा उठाएगी सरकार
लखनऊ। गाजीपुर जिले में गंगा नदी में लकड़ी के बक्से में एक नवजात बच्ची मिली है। सरकार बच्ची की देखभाल करेगी । नाविक द्वारा बालिका को बचाना मानवता का अनुपम उदाहरण है। प्रदेश सरकार उन्हें धन्यवाद ज्ञापित की करते हुए आवास की सुविधा देगी। इसके अलावा, अन्य पात्र योजनाओं से भी उसे तत्काल लाभान्वित कराया जाए।
बताते चलें कि गाजीपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट में एक मासूम बच्ची लावारिस हालत में गंगा नदी में बहते एक लकड़ी के बक्से में मिली। बताया जा रहा है कि ददरी घाट पर गंगा किनारे एक लकड़ी के बॉक्स से एक नाविक ने किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनी। नाविक ने पास जाकर देखा तो लकड़ी के बॉक्स के अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, तब तक घाट पर मौजूद कुछ लोग भी जुट गए।
लोगों ने बॉक्स को खोला तो दंग रह गए। लकड़ी के बॉक्स में एक मासूम बच्ची रो रही थी। हैरत की बात यह थी कि बॉक्स में देवी-देवताओं के फोटो लगे थे और एक जन्मकुंडली भी थी, जो शायद बच्ची की हो। जन्मकुंडली में बच्ची का नाम गंगा लिखा है।
अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण के लिए “मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” प्रारंभ
कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए प्रारंभ “मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” में 4,000 मासिक सहायता राशि प्रॉप्त करने के लिए परिवार की न्यूनतम आय को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया जाए। यही नहीं, यदि बच्चे की माता जीवित हैं तो उन्हें निराश्रित महिला पेंशन व अन्य पात्र योजनाओं से भी लाभान्वित कराया जाए।