फेक वीडियो, फेक न्यूज के प्रसार करने वालों से सख्ती से निपटें : सीएम

साम्प्रदायिक उन्माद बढ़ाने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं : योगी

लखनऊ। सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई की जाए। फेक वीडियो, फेक न्यूज के प्रसार करने वालों से सख्ती से निपटें। साम्प्रदायिक उन्माद बढ़ाने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं कि जाएगी। यह निर्देश आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए।

मुख्यमंत्री के इस निर्देश का आधार भारत सरकार के नए आईटी नियम है,  जिसके अनुसार सरकार के दिशा निर्देशों को नहीं मानने पर ट्विटर (Twitter) से भारतीय आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिली कानूनी सुरक्षा समाप्त कर दी गई है।

ज्ञात हो धारा 79 के तहत मिली कानूनी सुरक्षा समाप्त होते ही उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक मामला भी सामने आया है, जिसमें ट्विटर के खिलाफ फेक न्यूज को लेकर लोनी थाने में केस दर्ज किया है।  ट्विटर के खिलाफ भारत में यह पहला केस दर्ज हुआ है.

यह मामला ग़ाज़ियाबाद की पुलिस ने लोनी बॉर्डर पर अब्दुल समद के साथ हुई मारपीट और दाढ़ी काटने के मामले को धार्मिक रंग देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 9 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है, जिसमें ट्विटर के अधिकारी भी शामिल हैं। लोनी बॉर्डर थाने में सब इंस्पेक्टर ने FIR कराई है. आईपीसी की धारा 153, 153A, 295A, 505, 120B एवं 34 में केस दर्ज किया गया है.

पूरे मामले की पुलिस द्वारा की गयी जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अब्दुल समद के साथ जो मारपीट हुई थी वह उसके परिचित ने की थी। जांच में यह भी बात सामने आई कि मामले को धार्मिक रंग देने के लिए अफवाह फैलाई गई।  पुलिस की जांच में सत्य शामिल आने के बाद भी ट्विटर व अन्य आरोपियों ने इस फेक न्यूज़ को नहीं हटाया। जिसके बाद अब ट्विटर समेत नौ लोगों पर केस दर्ज हुआ है.

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