मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने थामा कांग्रेस का दमन, चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी संजय पांडे ने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया है। वे जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे और मुंबई से आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, पांडे को कांग्रेस ऐसी विधानसभा सीट से उतारने की योजना बना रही है, जहां उत्तर भारतीयों की अच्छी-खासी आबादी है। पांडे गुरुवार शाम को पार्टी में शामिल होंगे। महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, “संजय पांडे एक ईमानदार और अनुशासित अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने पुलिस बल के लिए एक मिसाल कायम की है। आज वे महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होंगे।”

संजय पांडे ने पहले ही विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी और उन्होंने अपने राजनीतिक संगठन ‘राष्ट्रीय जनहित पार्टी’ की स्थापना की थी। उन्होंने मुंबई के वर्सोवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। इससे पहले, वे हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी भाग लेने की योजना बना रहे थे लेकिन बाद में अपना इरादा बदल लिया। उस समय उन्होंने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और मुंबई नॉर्थ वेस्ट जैसी दो लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित किया था।

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय पांडे को 18 फरवरी 2022 को मुंबई पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। अपने करियर के दौरान पांडे को एक ईमानदार अधिकारी माना जाता था, लेकिन वे कई बार विवादों में भी घिरे रहे। उनका नाम सबसे ज्यादा तब सुर्खियों में आया जब उन्हें जून 2022 में राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था।

पांडे पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक एफआईआर एनएसई के कर्मचारियों के फोन की अवैध निगरानी के लिए आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से संबंधित है, जिसे उन्होंने स्थापित किया था। दूसरी एफआईआर एनएसई के सिस्टम ऑडिट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए है। पांडे को उनकी गिरफ्तारी के बाद करीब पांच महीने तक जेल में रहना पड़ा था।

हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिसंबर 2022 में ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दी थी। कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दी थी कि पांडे पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे, लेकिन इन आरोपों के कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिश्वतखोरी के आरोप इस मामले में लागू नहीं होते क्योंकि किसी ने रिश्वत मांगने या लेने का कोई आरोप नहीं लगाया था। अब पांडे कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं।

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