गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटें अलर्ट मोड पर रहे अफसर: सीएम धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में वन अफसरों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना भी बनाई जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षित वनकर्मियों की क्विक रिस्पांस टीम गठित कर उसे तत्काल मौके पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए गांव और जंगल की सीमा पर सोलर फेंसिंग (तारबाड़) लगाई जाए।

धामी ने कहा कि लंबे समय से यह देखने में आ रहा है कि राज्य के अलग- अलग हिस्सों में वन्य जीवों के हमलों को रोकने में वन विभाग बेबस हो रहा है। इसके मद्देनजर इन घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए। प्रशिक्षित पशु चिकित्सक मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से इलाक़ों में 24 घंटे तैनात रहे। कहा कि राज्य में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर गुलदार और बाघों से भरे पड़े हैं। अब वहां अन्य पकड़े गए वन्य जीवों को रखने की जगह नहीं है, लिहाजा इसके लिए भी तुरंत कार्ययोजना बनाई जाए।

उन्होंने कहा कि वन्यजीव संघर्ष की घटना की स्थिति में स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की है। इस मामले में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अफसरों को जंगलों से सटे गांवों में शत- प्रतिशत शौचालय और गैस कनेक्शन दिए जाने की योजना बनाई जाए ,ताकि लोग जंगलों का रुख न करें।

गुलदार शिफ्ट न करने पर जताई नाराजगी

मुख्यमंत्री धामी ने रेस्क्यू सेंटर से गुलदार व बाघों को दूसरे राज्यों के चिड़ियाघर व वन्यजीव रेस्क्यू सेंटरों में शिफ्ट ने करने पर कड़ी नाराजगी जताई। विदित है कि सीएम धामी ने बीते माह मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को इस बाबत निर्देश दिए थे। इस दिशा में अभी तक कोई अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर सीएम ने शुक्रवार को पुनः इस संबंध में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

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