कैंसर पीड़ित पिता के इलाज पर भड़के बेटे ने किया मां-बाप को उतारा मौत के घाट, जानिए पूरा मामला….

फर्रुखाबाद में कलियुगी बेटे ने रिश्तों का खून कर दिया। इलाज के पैसे को लेकर हुए झगड़े के बाद पहले कैंसर पीड़ित पिता को मौत के घाट उतार दिया, फिर सौतेली मां का भी कत्ल कर दिया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। खानपुर के बालाजीपुरम कोठा निवासी बुजुर्ग ओमप्रकाश पत्नी बबली के साथ रहते थे। घर वकील बेटा मनोज पाल, बहू नम्रता और उसके तीन बच्चे भी रहते हैं। ओमप्रकाश को कैंसर था। बुधवार रात वह पत्नी संग ऊपर वाले कमरे में लेटे थे जबकि मनोज परिवार के साथ नीचे था। 

रात 11 बजे मनोज ने पत्नी से कहा कि वह मां, बाप के पास सोने जा रहा है। इस दौरान उसका ओमप्रकाश और बबली से इलाज को लेकर विवाद शुरू हो गया। इस पर गुस्साए मनोज ने इंट और नुकीली वस्तु से वार कर दोनों की हत्या कर दी। रात ढाई बजे मनोज नम्रता के पास पहुंचा और कहा कि तुम्हारे पिता की तबीयत खराब है इसलिए कन्नौज चलना है। नम्रता तीनों बच्चों को लेकर मनोज के साथ चल दी। फर्रुखाबाद से ये लोग कन्नौज बस अड्डे पहुंचे तब मनोज ने नम्रता से मां- बाप की हत्या की बात बताई। बोला- मैं भाग रहा हूं, तुम भी अपने मायके चली जाओ। गुरुवार सुबह नम्रता ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में ले लिया।

पड़ोसी रहे अनजान

कादरीगेट थाने के बालाजी पुरम कोठा मोहल्ले में बुधवार की रात जिस दुस्साहस के साथ वकील बेटे ने अपने पिता और सोतेली मां की हत्या की उससे हर कोई सन्न है। बड़ी ही बेरहमी से दोनों का कत्ल किया गया। चेहरे और पेट पर निशान थे। रात में आस पास के लोगों को भी भनक नहीं लग पायी। बड़ी ही चालाकी के साथ बेटा घर से निकल गया। अब पुलिस उसे तलाश रही है।

कैंसर पीड़ित ओमप्रकाश की उम्र 70 वर्ष के आस पास थी। जबकि उनकी पत्नी बबली की उम्र 50 वर्ष के करीब थी। ओमप्रकाश पेशे से राज मिस्त्री थे। उनका एक मकान दिल्ली में हिंडन के पास में है। एक माह पहले ही वह यहां आये थे। उन्हें कैंसर था इसलिए इलाज कानपुर से चल रहा था। शनिवार को दवा लेने के लिए जाना था। पुत्र मनोज कुमार पाल से यह उम्मीद नहीं थी कि वह इस तरह से अपने मां-बाप का कत्ल कर देगा। 

पत्नी भी पूरे घटनाक्रम से अंजान रही। पत्नी नम्रता की माने तो रात ढाई बजे पति ने जानकारी दी थी कि मायके चलना है तुम्हारे पिता की तबीयत खराब है। जब बस में बैठकर हम लोग गुरसहायगंज के आगे निकले और पति से कहा तो उसने कुछ भी नहीं सुना। कन्नौज पहुंचने पर उसने जानकारी दी कि घर में वह कत्ल करके भागा है। नम्रता ने बताया कि उसका मायका कन्नौज जिले के गुरसहायगंज कोतवाली में समधन के नजदीक रिगुहा गांव में है। वह कहती है कि वह भी नहीं समझ पा रही है कि आखिर वह कौन सी बात पति मनोज को खराब लगी जिसके चलते उसने ससुर ओमप्रकाश और सास बबली की हत्या की। 

पुत्रवधू घटना से खासा परेशान है। घटना की सुबह 11 बजे के बाद आस पास के लोगों को जानकारी हुयी। जब पुलिस घर पर पहुंची तो मकान के बाहर ताला लगा था। पुलिस ने अंडरग्राउंड कमरे का ताला तोड़ा और नीचे से चाबी निकालकर ताला खोला तब जाकर पुलिस अंदर घुस पायी। पुलिस जब घर के ऊपर पहुंची तो देखा कि वृद्ध चारपाई पर लहूलुहान अवस्था में मृत पड़े हैं जबकि वृद्ध की पत्नी जमीन पर थीपड़ी उसकी सांसे थम चुकी थींपास में ही मोबाइल रखा था और जिस इंट से वारदात को अंजाम दिया गया वह भी पास में पड़ी थीपुलिस ने उसे कब्जे में लिया। आस पास के लोगों से जानकारी की गयी तो लोगों ने बताया कि घर के अंदर का झगड़ा कभी बाहर नहीं आया। ऐसी उम्मीद नहीं थी कि इस तरह से ओमप्रकाश और बबली की हत्या होगी। 

ओमप्रकाश ने की थी दूसरी शादी

हत्या की वारदात के बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पुलिस को पता चला कि ओमप्रकाश ने बबली से दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी का निधन हो चुका था। इसके बाद ही उन्होंने दूसरा विवाह किया था। बबली से एक बेटी है जिसकी वह शादी कर चुके थे। घटना को लेकर उसे भी जानकारी दी गयी है। ओमप्रकाश हरदोई जिले के मूल निवासी थे और एक दशक से यहां पर आकर बस गये थे।

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