MP: पर्दे के पीछे सर्वे क्यों करा रहे हैं प्रत्याशी, पढिए पूरी खबर…
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं। नतीजे तीन दिसंबर को आने वाले हैं लेकिन उससे पहले चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों और समर्थकों की धड़कने तेज हो गई हैं। सभी का ध्यान आने वाले चुनावी रिजल्ट पर है।
सभी प्रत्याशी अपने समर्थकों और करीबियों के साथ चर्चाओं में लगे हुए हैं। चुनावी थकान के बावजूद नेता अपने करीबियों के साथ हार-जीत का गणित समझने में जुटे हैं। बूथवार मत के प्रतिशत से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं के फीडबेक को लेकर आंकलन लगाया जा रहा है।
वहीं, दूसरी ओर बढ़ा हुआ वोट का प्रतिशत भी उम्मीदवारों के लिए उलझन पैदा कर रहा है। हर कोई अपने हिसाब से आकड़ेबाजी से मनमाफिक समीकरण फिट करने में लगा हुआ है।
वोट का प्रतिशत बढ़ने के कारण बढ़ी चिंता
बता दें कि समर्थक अपने प्रत्याशियों के पास जाने से पहले चुनावी हार-जीत का पूरा होमवर्क कर रहे हैं, क्योंकि नेताजी को जमीनी रिपोर्ट जो बतानी है इसके लिए कई नेता सोशल मीडिया और चुनावी सर्वे करने वालों से भी संपर्क कर आंकलन कर रहे हैं। ज्यादा चिंता उन प्रत्याशियों को है जहां पर वोट का प्रतिशत बढ़ गया है। सत्ता पक्ष इस मामले में लाड़ली बहना योजना से जोड़ रहे हैं वहीं विपक्षी कांग्रेस पार्टी बढ़े प्रतिशत को सत्ता विरोधी लहर बताकर खुश हो रहे हैं।
सर्वे भी हुआ शुरू
प्रत्याशियों ने तीन दिसंबर से पहले ही अपना सर्वे भी करवाना क्षेत्र में शुरू कर दिया है। इसके लिए किसी प्रोफेसनल्स को शामिल नहीं किया है लेकिन कार्यकर्ताओं को ही लगाया गया है। कार्यकर्ता भी भीड़ में पहुंचकर चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं और जनता की राय को समझने का प्रयास कर रहे हैं हालांकि कई नेताओं को मतदान के दिन ही जमीनी स्थिति समझ आ गई है।
गणना की करेंगी तैयारी
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टी जल्द ही तीन दिसंबर के लिए होने वाली मतगणना के लिए एजेंट को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए चुनिंदा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध स्थिति में अपत्ति दर्ज करवाई जा सके।