शिया धर्मगुरु के राजनीतिक संन्यास पर भड़की हिंसा, 17 लोगों की मौत,सैकड़ों घायल
बगदाद : इराक की राजधानी बगदाद में श्रीलंका से भी बदत्तर हालात हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी परिसर पर धावा बोल दिया और इराक के राष्ट्रपति भवन तक घुस गए और स्विमिंग पूल में नहाने लगे, जिससे स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई. इराक में हिंसक विरोध प्रदर्शन में हालात बदतर हो गए, क्योंकि देश की सेना और इराकी शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के अनुयायियों के बीच संघर्ष में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए.
प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल सदर (Muqtada al-Sadr) ने राजनीति से संन्यास लेने का जब से ऐलान किया है तब से इराक प्रदर्शनकारियों द्वारा जल रहा है. अल सदर के समर्थक सड़क पर AK-47 और राइफल्स लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिस वजह से सेना भी प्रदर्नकारियों के गुस्से को काबू करने में डर रही है. सदर के इस फैसले से पूरे इराक में इमरजेंसी जैसी हालात बन गई है. सड़कों पर तोड़-फोड़, गाड़ियों को आग के हवाले और हवा में फायरिंग जैसी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं.
जवाहिरी पर हमले के लिए हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल का तालिबान का आरोप
अल सदर ने ट्ववीट कर बताया कि वे राजनीति से संन्यास ले रहे हैं और अपने कार्यालय को बंद कर देंगे. घोषणा के कुछ घंटों बाद ही झड़पें शुरू हो गईं. समर्थकों ने देश में शान्ति को भंग करने का फैसला ले लिया है. संसद का घेराव कर लिया गया हूबहू श्रीलंका जैसे प्रदर्शन हो रहे हैं बस फर्क इतना है कि यहां प्रदर्शनकारी हथियारों से लैस हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इसे बेहद खतरनाक बताया, प्रदर्शनकारियों से तत्काल क्षेत्र छोड़ने का आग्रह किया.
सदर ने अपने सभी समर्थकों से शांति की अपील की है. बता दें कि, झड़ंप में अबतक करीब 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है, वहीं सैकड़ों घायल हैं. अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो ये आकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है.