क्या ट्विन टॉवर डिमोलिशन के बाद आंखों में जलन और सांस लेने में हो रही दिक्कत?

नोएडा में ट्विन टॉवर डिमोलिशन के बाद हवा प्रदूषित हो गई है. डिमोलिशन की वजह से आसपास की सोसाइटी में रहने वाले कुछ लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जानकारों ने पहले ही आशंका जताई थी कि टॉवर ध्वस्त होने के बाद धूल का गुबार उठेगा, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. जो लोग अस्थमा या सांस से जुड़ी अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए खतरा सबसे ज्यादा बताया जा रहा है. एक्सपर्ट से जानेंगे कि लोगों को इन परेशानियों से बचने के लिए कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए. इसके अलावा किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है.

क्या बोले एक्सपर्ट?
नई दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री के मुताबिक ट्विन टॉवर ध्वस्त होने के बाद हवा में धूल, धुंआ और अन्य प्रदूषक तत्व मिल गए हैं. सांस लेने के दौरान ये तत्व फेफड़ों में चले जाते हैं, जिसकी वजह से अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. जो लोग अस्थमा या सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें इससे एक्यूट ब्रोंकाइटिस या एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है. स्वस्थ लोगों को भी प्रदूषण की वजह से एलर्जिक रिएक्शन का खतरा होता है. इसका असर आंखों पर भी देखने को मिलता है और जलन होने लगती है.

लोग परेशानियां होने पर क्या करें?
डॉ. भगवान मंत्री कहते हैं कि अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो घर से बाहर न निकलें. बाहर जाते वक्त मास्क या गीला कपड़े से मुंह और नाक को अच्छी तरह कवर कर लें. हल्के फुल्के लक्षण अपने आप ठीक हो जाएंगे, लेकिन दिक्कत ज्यादा हो रही है तो चिकित्सक से संपर्क करें. अस्थमा के मरीजों को डॉक्टर से मिलकर अपनी दवाइयों को बढ़वा लेना चाहिए. इसके अलावा दवा लेने में लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी चाहिए. आंखों की जलन को दूर करने के लिए साफ पानी से धोएं और एक्सपर्ट की सलाह के बाद आई ड्रॉप इस्तेमाल करें.

इस उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा खतरा
डॉक्टर के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से ज्यादा के लोगों को इस प्रदूषण से बीमार होने का ज्यादा खतरा है. जो लोग पहले से ही सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें भी खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा कई गुना ज्यादा है. इसके अलावा जो लोग सीवियर कोविड-19 से उबरे हैं, उन लोगों को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. पल्मनोलॉजिस्ट के अनुसार ट्विन टॉवर डिमोलिशन से होने वाला प्रदूषण 24-72 घंटों तक खतरनाक कंडीशन में रहेगा. इसके बाद धीरे-धीरे यह कम होना शुरू हो जाएगा. हालांकि इसे पूरी तरह साफ होने में एक महीने का वक्त भी लग सकता है. करीब एक सप्ताह तक सबसे ज्यादा खतरा रहेगा.

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