6 दिन और 438 किमी नदी में बहने के बाद मिला तहसीलदार का शव

दिल्ली : सीवन के कर्बला पुल पर कार सहित बहे तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का क्षत विक्षत शव आखिरकार मिल गया है. तहसीलदार की कार सीहोर जिले में नदी में गिरी थी लेकिन उनका शव श्योपुर जिले में 6 दिन बाद मिला. शव इतनी बुरी हालत में है कि डीएनए से उसकी शिनाख्त हो पायी. परिवार के सदस्य श्योपुर से शव लेकर सीहोर आए. अब गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

तहसीलदार नरेन्द्र ठाकुर और पटवारी महेन्द्र रजक 15 अगस्त की रात पार्टी के बाद कार से घर लौट रहे थे. रात करीब 11 बजे उनकी कार कर्बला पुल से नीचे उफनती पार्वती नदी में गिर गयी थी. महेन्द्र का शव तीन दिन बाद कार सहित मिल गया था लेकिन तहसीलदार नरेन्द्र का कहीं पता नहीं चल पा रहा था. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ सहित पूरा प्रशासन उनकी तलाश में जुटा हुआ था.

दोनों पैर और एक हाथ गायब
22 अगस्त को नरेन्द्र ठाकुर का शव श्योपुर जिले के बड़ोदा थाना क्षेत्र अंतर्गत पार्वती नदी के किनारे मिला. शव इतनी बुरी हालत में था कि उसकी पहचान हो पाना मुश्किल था. दोनों पैर और एक हाथ को जीव जन्तु खा गए थे. खबर मिलते ही उनका बेटा और बहन श्योपुर पहुंचे. आखिरकार डीएनए टेस्ट से तहसीलदार की पहचान हो पायी. हादसे के 6 दिन बाद कुल 438 किलोमीटर दूर पार्वती नदी में बहते हुए उनका शव श्योपुर तक पहुंच गया था

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22 अगस्त को सुबह 10 बजे श्योपुर में अज्ञात शख्स का शव मिला. शव तहसीलदार का हो सकता है इस आशंका में उनके परिवार को सूचना दी गयी. खबर पाकर तहसीलदार नरेन्द्र ठाकुर का बेटा और बहन श्योपुर पहुंचे. शव क्षत-विक्षत औऱ कीचड़ में लिपटा हुआ था. दोनों पैर और एक हाथ गायब था. बहन ने बहुत हिम्मत करके दूसरा हाथ देखा. उस पर नरेन्द्र नाम लिखा हुआ था. फिर भी डीएनए टेस्ट करवाया गया. उसमें शव नरेन्द्र ठाकुर का होने की पुष्टि हुई. परिवार के सदस्य उनका शव लेकर सीहोर रवाना हो गए. अंतिम संस्कार गुरुवार को होगा.

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