10 साल पुराने दोस्त पर भरोसा करना पड़ा महंगा, जानिए सनसनीखेज वारदात

दिल्ली पुलिस ने डबल मर्डर केस का खुलासा किया है। 16 अगस्त को दिल्ली के वेलकम इलाके में एक महिला और बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला के दोनों बेटे वीकेंड में घूमने बाहर गए थे और जब वह घर पहुंचे तो उन्होंने कई बार घर की बेल बजाई लेकिन किसी ने भी गेट नहीं खोला। 20 साल के शंशाक और 18 साल के सार्थक के पास घर की एकस्ट्रा चाबी थी जिससे उन्होंने घर खोला लेकिन जब उन्होंने घर के अंदर का मंजर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खीसक गई। घर के अंदर का भयानक मंजर देखने के बाद दोनों की दुनिया की उजड़ गई। एक तरफ मां की लाश खूल से लथपथ पड़ी हुई थी तो दुसरी तरफ बुजुर्ग दादी की हत्या हो रखी थी। सामान बिखरा पड़ा हुआ था जिससे ऐसा लग रहा था कि किसी  ने लूटपाट के अंजाम से ये हत्या की है। दोनों बेटे चिल्लाते हुए बाहर आ गए और पुलिस को सूचना दी। दोनों ने पुलिस को बताया कि 12 अगस्त को दोनों अपने दोस्तों के साथ घूमने हरिद्वार गए थे। दोनों की चांदनी चौक में पूजा सामग्री की दुकान है और कई सालों से सभी सुभाष पार्क के 12 नबंर गली में रहते हैं। दोनों भाइयों ने मां और दादी की हत्या के पीछे किसी पर भी शक नहीं जताया जिसके बाद पुलिस के लिए यह डबल मर्डर सुलझाना एक चुनौती भरा हो गया।

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हालांकि, दोनों भाइयों ने घूमने से लेकर दुकान सबकी खबर हर्षित को दी थी। हर्षित दोनों भाइयों का अच्छा दोस्त है। दोनों भाइयों ने घूमने से पहले हर्षित को दुकान, घर और मां -दादी का ख्याल रखने को कहा था। पुलिस ने हर्षित से पूछताछ की। जब हर्षित से सवाल किया गया तो उसने बस ये कहा कि उसे नहीं पता ये सब कैसे और कब हुआ। उसने पुलिस का बताया कि दोस्त के कहने पर एक -दो बार मां और दादी से मिलने उनके घर गया था।

पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की जिसमें पता चला की मां डॉली राय हमेशा अपने डॉग को घुमाने के लिए शाम को बाहर निकलथी लेकिन 13 अगस्त से वह घर के बाहर कुत्ते को टहलाने नहीं आई। पड़ोसियों ने ये भी कहा कि 13 अगस्त को मां को हर्षित के साथ देखा गया था। पुलिस ने दादी के बारे में पता किया तो पता चला कि दादी चल नहीं सकती थी जिसके कारण वह अपनी बहू डॉली को दिन में 15 से 20 बार कॉल कर ही देती थी लेकिन 13 अगस्त को दादी ने रात के 9 बजे के बाद कोई कॉल नहीं की थी। पुलिस ने फिर से हर्षित से पूछताछ की और पूछा कि आखिरी बार मां के साथ तुम्हे ही देखा गया था जिसके जवाब में हर्षित ने सीधे जवाब देते हुए कहा कि हां, में उन्हें मंदिर ले गया था अपने साथ और 13 अगस्त को वह शंशाक और सिद्धार्थ के घर भी गया था। पुलिस ने इस बात का पता लगाया तो ये हर्षित की बात सच साबित हुई। इसी में पुलिस ने सोचा कि हर्षित ने 13 अगस्त के बाद मां और दादी की कोई खोज-खबर क्यों नहीं ली। इस बीच पुलिस ने दोनों बेटों से पूछा कि घूमने जाने के बाद दोनों ने एक बार भी अपनी दादी और मां की खोज खबर क्यों नहीं ली जिसमें दोनों भाइयों ने जवाब दिया कि हमने हर्षित को मां और दादी का ख्याल रखने के लिए कहा था और इसलिए हम हर्षित को ही कॉल करके हाल पूछ लेते थे जिसपर वह बस यह कहता था कि मां औऱ दादी बिल्कुल ठीक है। तुम दोनों आराम से घूम कर आओ। पुलिस ने हर्षित के घर के सामने लगे सीसीटीवी खंगाले जिसमें सच्चाई सामने आ गई। हर्षित ने ही मां डोली और दादी विमला का कत्ल किया था। सीसीटीवी में हर्षित एक हाथ में पैकेच लिए अपने घर की ओर जाता दिख रहा है। ये वीडियो कत्ल के बाद का है। हर्षित ने दोनों भाइयों के जाने के बाद ही अगले दिन दोनों का कत्ल कर दिया था। कत्ल करने के बाद घर की छत का दरवाजा खोल दिया था ताकि ये एक चोरी जैसी वारदात लगे। 14 अगस्त को उसने छत पर लगे सीसीटीवी को उखाड़ कर फेंक दिया और दोनों भाइयों को झुठ बोल-बोल कर फंसाता रहा।

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