Commonwealth Games:वेटलिफ्टिंग में रहेगा भारत का दबदबा,सभी भारतीय की नजरें रहेगी ओलंपिक मेडल विजेता मीराबाई चानू पर

दिल्लीः

 भारत नए नियम के कारण अपने भारोत्तोलकों के भार वर्ग में बदलाव करके फायदा नहीं उठा पाया है लेकिन इसके बावजूद मीराबाई चानू की अगुआई में देश के 15 सदस्यीय मजबूत दल से बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में काफी पदक जीतने की उम्मीद है. कॉमनवेल्थ खेल हों या कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप इन दोनों ही प्रतियोगिताओं में भारतीय भारोत्तोलकों की झोली में काफी पदक होते हैं. भारत 1990, 2002 और 2018 में भारोत्तोलन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश रहा है. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में इस खेल में भारत 125 पदक के साथ दूसरा सबसे सफल देश है. इन खेलों की भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) स्पर्धा में उससे अधिक पदक सिर्फ ऑस्ट्रेलिया (159) ने जीते हैं. पिछले कुछ टूर्नामेंट में हालांकि ऑस्ट्रेलिया का दबदबा कम हुआ है.

गोल्ड कोस्ट में 2018 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के भारोत्तोलकों का दबदबा रहा जिन्होंने पांच गोल्ड सहित नौ पदक जीते. इस साल भी सभी 15 भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) पदक जीतने में सक्षम हैं. इनमें से हालांकि कुछ से ही स्वर्ण पदक की उम्मीद है. महिला स्पर्धा में भारत के अधिक स्वर्ण पदक जीतने की संभावना के लिए भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) और मुख्य कोच विजय शर्मा ने टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता चानू को 55 किग्रा भार वर्ग में उतारने की योजना बनाई थी. चानू का कॉमनवेल्थ खेलों में पदक पक्का माना जा रहा है.

झिली डालबेहड़ा और एस बिंदियारानी देवी को क्रमश: 49 किग्रा और 59 किग्रा वर्ग में जबकि पोपी हजारिका को 64 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेना था. इनकी प्रविष्टियों को हालांकि नए नियम के आधार पर खारिज कर दिया गया जिसके अनुसार किसी वर्ग में सिर्फ शीर्ष रैंकिंग वाला भारोत्तोलक ही राष्ट्रमंडल खेलों के लिए क्वालीफाई करेगा. अगर वह हटता है तो अगले सर्वश्रेष्ठ भारोत्तोलक को उसकी जगह नहीं दी जाएगी.

इस नियम के कारण चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी (55 किग्रा) और पोपी (59 किग्रा) को एक भार वर्ग नीचे चुनौती पेश करनी पड़ेगी जबकि झिली कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगी और 64 किग्रा वर्ग में भारत का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा. इसमें कोई संदेह नहीं कि इन खेलों में सभी की नजरें चानू पर टिकी होंगी. पूर्व विश्व चैंपियन चानू का महिला 49 किग्रा वर्ग में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 207 किग्रा (88 किग्रा और 119 किग्रा) जो कॉमनवेल्थ खेलों में इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश करने वाली दूसरी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी से 39 किग्रा अधिक है.

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