भारत ने श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के प्रस्ताव को किया खारिज
दिल्लीः
श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो चुका है. रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. इस बीच कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भारत पर श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगाए गए हैं. भारत ने इसका पुरजोर विरोध किया और तुरंत बयान जारी किया है.
कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट थ्रेड में बयान जारी किया है. भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘हमने श्रीलंकाई संसद में राष्ट्रपति पद के चुनाव के संबंध में राजनीतिक नेताओं को प्रभावित करने के लिए भारत की ओर से राजनीतिक स्तर पर प्रयासों के बारे में निराधार और विशुद्ध रूप से अटकलबाजी वाली मीडिया रिपोर्ट देखी है.’ भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी हैं. वे स्पष्ट रूप से किसी की कल्पना की उपज हैं.’
We have seen baseless and purely speculative media reports about efforts at political level from India to influence political leaders in Sri Lanka regarding elections in the Sri Lankan Parliament to the the post of the President of Sri Lanka.
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) July 20, 2022
We categorically deny 1/3
भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘यह दोहराया जाता है कि भारत श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं को लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ साकार करने का समर्थन करता है.’
इससे पहले गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने को लेकर भी भारत पर आरोप लगाए गए थे. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि इसमें भारत ने उनकी मदद की. भारत ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने इन भारत की ओर से राजपक्षे के भागने में कोई मदद नहीं की गई है. साथ ही भारत श्रीलंका के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा.