शिंजो आबे की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने वीवीआईपी सिक्योरिटी को लेकर राज्यों को नई एडवाइजरी भेजी

दिल्लीः जापान में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सरेआम हत्या से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने वीवीआईपी सिक्योरिटी को लेकर राज्यों को नई एडवाइजरी भेजी है. 5 पॉइंट की इस एडवाइजरी में वीवीआईपी सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है. इसमें आगे के साथ-साथ पीछे से भी सुरक्षा पर ध्यान देने को कहा गया है. बता दें कि शिंजो आबे को युवक ने पीछे से ही गोली मारी थी.8 जुलाई को जापान में पूर्व पीएम की हत्या के कुछ ही घंटों के अंदर केंद्र सरकार की तरफ राज्यों को वीवीआईपी सिक्योरिटी पर खासा ध्यान रखने की ये एडवाइजरी भेज दी गई थी.

News18 को पता चला है कि इस एडवाइजरी में पांच बिंदुओं का खासतौर से उल्लेख किया गया है. इसमें पीछे की तरफ से वीवीआईपी की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है. केंद्र ने कहा है कि वीवीआईपी जब मंच पर बैठे तो एक सुरक्षाकर्मी को पीछे से सभी लोगों पर नजर रखने के लिए तैनात किया जाना चाहिए. रैलियों में तो खासकर ऐसा इंतजाम होना चाहिए. दरअसल, जानकारों का कहना है कि वीवीआईपी की सिक्योरिटी में ज्यादातर फोकस उनके आगे की तरफ रहता है, ऐसे में कई बार पिछले हिस्से से सुरक्षा की अनदेखी होने की संभावना रहती है. इसी को देखते हुए केंद्र ने इस पॉइंट पर जोर दिया है.

केंद्र सरकार ने लेटर में यह भी कहा है कि भीड़ को वीवीआईपी के नजदीक आने से रोकने के लिए कड़े उपाय किए जाने चाहिए. वीवीआईपी के करीब कौन आ रहा है, इस पर पैनी नजर रखी जाए. वीवीआईपी के पास तक जाने वाले रास्ते की गहराई से जांच की जाए और वहां से लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जाए. सरकार ने कहा है कि सुरक्षाकर्मियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वीवीआईपी एरिया के बेहद करीब जाने की इजाजत किसी को भी न दी जाए. वीवीआईपी के नजदीक रहने वाले लोगों की भी पूरी तरह से जांच की जाए. सुरक्षाकर्मी हर वक्त वहां मौजूद रहें और करीबी लोगों पर भी नजर रखें.

पत्र में कहा गया है कि वीवीआईपी के सामान की भी जांच की जाए, खासतौर से तब जब कोई हथियार मिलने की संभावना हो. नए निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि वीवीआईपी की भीतरी परिधि में सुरक्षाकर्मियों को 360 डिग्री से निगरानी करनी चाहिए. वीवीआईपी के दौरे से पहले आकस्मिक अभ्यास करके सुरक्षा व्यवस्था को परखा जाना चाहिए. अगर कुछ होता है तो वीवीआईपी को किस तरह सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया जाए, इसकी योजना भी पहले से तैयार की जानी चाहिए.

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