दिल्लीः घर-घर राशन वितरण योजना को हाई कोर्ट ने किया रद्द
दिल्लीः दिल्ली सरकार हाईकोर्ट के घर-घर जाकर राशन वितरण योजना को रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य जिसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को घरों तक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। राजधानी दिल्ली में 1.7 मिलियन कार्डधारक हैं जो इस समय उचित दर की दुकान पर जाकर राशन लेते हैं। सरकार का तर्क है कि घर-घर राशन पहुंचाने की योजना लागू होने से लोगों की जिंदगी आसान बन जाएगी। इससे जमाखोरी नहीं होगी और लाभार्थियों को सही माप में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देना सुनिश्चित होगा।
19 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने घर-घर राशन वितरण योजना को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि योजना को लागू करने के निर्णय को केवल ‘कार्यकारी’ कार्रवाई के रूप में नहीं माना जा सकता क्योंकि इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी शामिल नहीं है। जून में, सरकार ने एलजी के पास फाइल को वापस भेजते हुए तर्क दिया कि योजना के प्रावधान एनएफएस अधिनियम के अनुसार हैं। साथ ही यह केंद्र की ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को भी लागू करेगा।
15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ दाखिल दो अलग-अलग याचिकाओं (एक केंद्र द्वारा और दूसरी एफपीएस मालिकों द्वारा) पर विचार करने से इनकार कर दिया। जिसके अनुसार, जिन लोगों ने घर-घर राशन वितरण योजना का चुनाव किया है उनके लिए आप सरकार उचित मूल्य दर की दुकानों पर राशन की आपूर्ति बंद कर सकती
हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश ने राज्य सरकार की योजना को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया। इसके बाद 19 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने योजना को रद्द कर दिया। कोर्ट ने माना की योजना को लागू करने के निर्णय को केवल कार्यकारी कार्रवाई के रूप में नहीं माना जा सकता क्योंकि इसमें उपराज्यपाल की स्वीकृति नहीं है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहा है कि इस योजना से वंचितों को मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान राशन वितरण प्रणाली में कई लीकेज हैं और कई लाभार्थियों को गुणवत्ता को लेकर चिंता के अलावा सही मायनों में राशन नहीं मिलता है।’ बता दें कि दिल्ली सरकार ने सबसे पहले 2018 की शुरुआत में लाभार्थियों के घर तक राशन पहुंचाने की योजना की घोषणा की और इस पर उसका केंद्र सरकार से संघर्ष जारी है