दिग्विजय सिंह बुधवार को ग्वालियर-चंबल के असंतुष्ट नेताओं से करेंगे मुलाकात

दिल्ली: महाराष्ट्र में मचा घमासान रोकने जा रहे कमलनाथ के सामने अपना ही घर बचाने की चुनौती आ खड़ी हुई है. वो भी सिंधिया के उस इलाके से जहां वो नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे. निकाय चुनाव में ग्वालियर चंबल में टिकट वितरण से पनपे असंतोष के बाद इस्तीफों की झड़ी लग गयी है. हालात बिगड़ते देख कमलनाथ ने अब वहां डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंप दी है.

महाराष्ट्र में मचा घमासान रोकने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाया है. लेकिन उनके अपने प्रदेश में मचा घमासान रोकने में ही उनके पसीने छूट रहे हैं. टिकट वितरण के बाद ग्वालियर चंबल में कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है.

इस्तीफों की झड़ी
टिकट बंटवारे से नाराज ग्वालियर जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, ग्वालियर से चुनाव लड़ चुके सुनील शर्मा, सेवादल जिला अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को अपने इस्तीफे मेल कर दिए हैं. ग्वालियर के साथ ही मुरैना में जिला कांग्रेस अध्यक्ष और मौजूदा विधायक राकेश मावई ने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर की है. ये सभी लोग टिकट वितरण में अपनी और अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी से नाराज हैं. राकेश मावई ने कमलनाथ को इस्तीफा भेजा है. बताया जा रहा है कि मुरैना में कुछ और नेता भी टिकट वितरण के बाद नाराज हैं.

अपना घर बचाने की चिंता
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कमलनाथ को वहां का पर्यवेक्षक बना दिया है. केसी वेणुगोपाल ने कमलनाथ को पर्यवेक्षक बनाने का पत्र जारी किया है. लेकिन जिस तरह से नगरीय निकाय चुनाव को लेकर एमपी में घमासान मचा है, कमलनाथ के सामने अपना घर बचाने की जिम्मेदारी आ गयी है. ऐसे हालात में कमलनाथ कैसे दोहरी जिम्मेदारी निभा पाएंगे.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker