छत्तीसगढ़: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लोगों ने योग और संयम का पाठ सीखा
दिल्लीः आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रायपुर के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम में लोगों ने योग और संयम का पाठ सीखा। छत्तीसगढ़ राज्य योग आयोग द्वारा सुबह 7 बजे योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजधानी के अलावा भिलाई-दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा, बस्तर, धमतरी, महासमुंद, जशपुर, राजनांदगांव सहित सभी जिलों में योग को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में प्रातः योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। प्रदेशवासियों को योग दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सीएम ने कहा कि योग को अपने दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करें। नियमित योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है और मन की एकाग्रता बढ़ती है।
सीएम ने भूपेश ने कहा कि जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है स्वस्थ रहना है। योग मनुष्य की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है। हम भी अपने जीवन में योग को जोड़े और रोग दूर भगाएं। योग सिर्फ कसरत नहीं है, बल्कि ये एक ऊर्जा के रूप में काम करता है। आप योग को अपनाकर पूरी उम्र सेहतमंद और बीमारियों से बचे रह सकते हैं। कोरोना काल में यह स्पष्ट हो गया है कि केवल धन-संपदा ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन दोनों की आवश्यकता होती है। तंदुरूस्त रहने नियमित योग बहुत जरूरी है।
नियमित योग से तन और मन दोनों स्वस्थ
सीएम बघेल ने कहा कि योग हमारी प्राचीन परंपरा है। यदि हम सब नियमित रूप से योग करें तो तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी स्वस्थ रहेगा। जीवन में सकारात्मकता आएगी। इसलिए योग नियमित करें, इसका लाभ उठाएं। बघेल ने कहा कि तन और मन दोनों स्वस्थ्य रहेंगे तो हम किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमने सिर्फ भौतिक साधनों को ही सफलता का पैमाना मान लिया है, जबकि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन के बिना हर सफलता अधूरी है। कोरोना-संकट के दौर में योग की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है।