बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में 6 जुलाई को होंगे महापौर एवं पार्षदों के चुनाव
दिल्लीः मध्य प्रदेश में पंचायत व निकाय चुनाव का चुनावी बिगुल बज चुका है। भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने लगभग प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी कर दिया है। इसबीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने बैरवा समाज से मुकेश टटवाल और कांग्रेस पार्टी ने बलाई समाज से तराना विधानसभा से विधायक महेश परमार को प्रत्याशी बनाया गया है। वैसे आंकड़ें बताते हैं कि उज्जैन में महापौर के चुनाव में बैरवा समाज का पलड़ा भारी रहा है, लेकिन इसबार मुकाबला इसलिए रोचक है क्योंकि चुनावी मैदान में एक विधायक भी है।
उज्जैन में महापौर एवं पार्षदों के चुनाव 6 जुलाई को होंगे और परिणाम 17 जुलाई को घोषित होंगे। 11 जून से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी जो 18 जून तक चलेगी। 22 जून तक नाम वापसी हो सकेगी। नगर निगम चुनाव में 4 लाख 61,103 मतदाता नगर सरकार चुनेंगे। इनमें महिला मतदाता 2 लाख 30177, पुरुष मतदाता 2 लाख 30879 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 47 है।
उज्जैन महापौर का रिकॉर्ड
शहर में पहली बार महापौर पद के प्रत्याशी के रूप में बलाई समाज से टिकट मिला है। वर्ष 1999 में उज्जैन की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई थी। वर्ष 2000 में हुए चुनाव में भाजपा से बैरवा समाज से मदनलाल ललावत व कांग्रेस से कौरी समाज से पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार का टिकट दिया था। इसमें भाजपा के ललावत जीते थे। वर्ष 2005 के चुनाव में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया की बहन सुमित्रा चौधरी को प्रत्याशी बनाया था। वह रविदास समाज से थीं। उस चुनाव में बैरवा समाज से कांग्रेस प्रत्याशी सोनी मेहर ने जीत हासिल की थी। इसके बाद के सभी चुनावों में दोनों पार्टियों ने बैरवा समाज से ही उम्मीदवार खड़े किए हैं। इस बार कांग्रेस ने बदलाव करते हुए बलाई समाज से महापौर प्रत्याशी उतारा है।