श्रीलंका में भुखमरी: सरकारी कर्मचारियों को फसल उगाने के लिए मिलेगी एक दिन छुट्टी

दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अब खाद्य संकट बड़ी समस्या बनकर उभरा है। कोरोना महामारी से पहले द्वीप राष्ट्र की 2.2 करोड़ आबादी में से करीब 10 प्रतिशत खाद्य सुरक्षा मुद्दों से जूझ रहे थी और तब से अब तक आर्थिक पाबंदियों व रसायनिक उर्वरकों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध से स्थिति और बिगड़ी है।

इसी को देखते हुए श्रीलंका ने सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि वे अपने घर के आसपास में फसलें उगाने के लिए हर हफ्ते एक अतिरिक्त दिन की छुट्टी लें ताकि भोजन की बढ़ती कमी को रोका जा सके। श्रीलंका की अभूतपूर्व आर्थिक मंदी ने पेट्रोल और दवाओं के साथ कई प्रमुख खाद्य पदार्थों के संकट को भी जन्म दिया और बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति घरेलू बजट को तबाह कर रही है।

कैबिनेट ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “सरकारी अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त छुट्टी देना और उन्हें अपने घर के आसपास में कृषि गतिविधियों में संलग्न होने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना उचित प्रतीत होता है।” बयान में कहा गया है कि सिविल सेवकों के आवागमन में कटौती से ईंधन की खपत को कम करने में भी मदद मिलेगी और एक अतिरिक्त दिन की छुट्टी “भविष्य में होने वाली भोजन की कमी का समाधान” भी करेगी।

जनगणना और सांख्यिकी विभाग के अनुसार, ‘‘वर्ष 2019 के अंत तक श्रीलंका की 9.1 प्रतिशत आबादी के पास जरूरी खाद्य पदार्थों की कमी थी। इसमें से 2,00,000 लोग भुखमरी के कगार पर हैं।’’ आंकड़ों के अनुसार, परिवार के स्तर पर खाद्य असुरक्षा बढ़कर 9.45 प्रतिशत पर पहुंच गयी है। यह बताता है कि प्रत्येक 10 परिवार में एक जरूरी खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहा है। विभाग ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की रोकथाम के लिये लगायी गयी विभिन्न पाबंदियों से 2020 में स्थिति और बिगड़ी है। इससे लोगों की आजीविका प्रभावित हुई और वे गरीबी की जाल में फंसते चले गये। 

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