रोहतास प्रोजेक्ट के निदेशक की एक अरब 16 करोड़ 23 लाख रुपये की सम्पत्ति की जाएगी कुर्क
दिल्लीः रोहतास प्रोजेक्ट के निदेशक परेश रस्तोगी की एक अरब 16 करोड़ 23 लाख रुपये की सम्पत्ति कुर्क की जाएगी। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने मंगलवार को आदेश जारी किया है। आरोपी ने निवेशकों को फ्लैट और भूखण्ड देने का दावा किया था। करोड़ों रुपये ऐंठने के साथ ही परेश ने बेची गई सम्पत्ति पर बैंक से लोन भी पास कराया था। परेश रस्तोगी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अलावा हजरतगंज, चिनहट, गौतमपल्ली, गोसाईंगंज और चिनहट में ठगी के 82 मुकदमे दर्ज हैं। मंगलवार को परेश रस्तोगी की सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश जारी होने के साथ ही कुर्की की कार्रवाई भी जल्द शुरू होगी।
हजरतगंज लाला लाजपतराय मार्ग निवासी परेश रस्तोगी ने वर्ष 2007 में रोहतास प्रोजेक्ट के नाम से फर्म बनाई थी। जमीन की खरीद-फरोख्त करते हुए कई प्रोजेक्ट पूरे कर ग्राहकों को फ्लैट बेचे थे। परेश के साथ कम्पनी में उसके स्वजन भी निदेशक थे। डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक के अनुसार परेश रस्तोगी ने जमीन की खरीद-फरोख्त से जुटाए गए रुपयों से करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति खरीदी थी। जिन पर व्यवसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट बनाए जाने का वह दावा करता था। हजरतगंज में कम्पनी का दफ्तर भी खोला गया था। डीसीपी के मुताबिक 82 से अधिक मुकदमे आरोपी पर दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी लिखा जा चुका है। परेश ने धोखाधड़ी कर सम्पत्ति जुटाई है। इसकी पुष्टि होने पर परेश की सम्पत्तियों की सूची तैयार की गई थी। मंगलवार को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर गैंगेस्टर एक्ट 14 (1) के तहत कुर्की का आदेश जारी किया है।
रोहतास बिल्डर की धोखाधड़ी से परेशान निवेशकों ने रोहतास बॉयरर्स एसोसिएशन बनाई थी। जिसके अध्यक्ष धीरेंद्र वर्मा और उपाध्यक्ष अभिषेक तिवारी हैं। संघ की तरफ से 27 दिसंबर 2018 में हजरतगंज कोतवाली में एक साथ 133 लोगों की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया था। धीरेंद्र के अनुसार किसी ने बैंक से लोन लिया था तो किसी ने जमापूंजी खर्च कर निवेश किया था। परेश रस्तोगी और उसके सहयोगियों ने लुभावनी स्कीम बता कर बातों में उलझाया था। करोड़ों रुपये हड़पने के बाद भी आरोपी रुपये लौटाने को तैयार नहीं थे। पूछताछ करने पर धमकी देते हुए मारपीट करते थे। इस कार्रवाई से निवेशकों को अपनी रकम मिलने की उम्मीद बढ़ी है।