प्रयागराज हिंसा में पुलिस ने नाबालिगों को लेकर लिए कुछ बड़े फैसले

दिल्लीः अटाला में साजिश रचने वाले धीरे-धीरे बेनकाब होने लगे हैं। पुलिस का दावा है कि साजिशकर्ताओं ने नाबालिगों को सामने लाकर बवाल कराया था। उन्हें बरगलाकर पथराव कराया गया था। इन लड़कों को आरोपित करने से पहले पुलिस हर तथ्य की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि केवल मौजूदगी के आधार पर इन लड़कों को आरोपी नहीं बनाया जाएगा। एसएसपी ने कहा कि नाबालिगों पर विचार किया जाएगा। कहा कि आपराधिक प्रवृत्ति के लड़कों पर ही विधिक कार्रवाई की जाएगी। किसी बेकसूर को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

डीएम संजय खत्री और एसएसपी अजय कुमार ने मंगलवार को अटाला का भ्रमण किया। वहां कई घरों में ताला बंद मिला। दहशत में लोग घर छोड़कर चले गए हैं। कोई सामने नहीं आया। एसएसपी ने पत्रकारों से कहा कि 70 उपद्रवियों को नामजद किया गया है। बच्चों को आगे करके यह बवाल कराया गया था। उनके भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। उनकी चिंता नहीं की गई। बच्चों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। उन पर विचार किया जा रहा है। उन्हीं पर कार्रवाई होगी, जिनकी छवि ठीक नहीं है। क्राइम में शामिल होने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा। बवाल के आरोपियों की धरपकड़ चल रही है। पुलिस टीम जांच कर रही है। फरार लोगों की तलाश में पुलिस लगी है। सीसीटीवी फुटेज से सत्यापन के बाद आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है।

प्रयागराज में हिंसा के दौरान पुलिस ने उपद्रवियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे। इस घटना के बाद प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने कहा खा कि अटाला क्षेत्र में सकुशल नमाज अदा होने के बाद लोग अपने घर जा चुके थे। कुछ देर बाद कुछ युवक गलियों में आए और पथराव किया। पुलिस ने काफी देर तक उनको समझाने का प्रयास किया पर वो लोग नहीं माने। वारदात में कुछ नाबालिग लोग भी शामिल थे। बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देख सकते हैं कि 12 से 14 साल के बच्चे हिंसा में शामिल थे।

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