वाराणसी: सरकारी अस्पतालों में लगी मरीजों की लाइन
दिल्लीः
चिलचिलाती धूप। आकाश से बरसते अंगारे। तवे की तरह तपती धरती। बीच-बीच में गर्म हवा की थपेड़े। रात तक आग उगलती इमारतों की दीवारें। लोगों के पांव उखाड़ दे रही है। सांसें फूल जा रही हैं। कंठ सूख रहे हैं। पेट साथ नहीं दे रहा। शरीर धधक जा रहा है। बेहाली के इस आलम में तमाम मौसमी बीमारी लोगों को बेबस कर दे रही है। अब तो हालत यह कि मंडलीय अस्पताल और जिला अस्पताल की इमरजेंसी और वार्ड मरीजों से भर गए हैं।
प्रकृति के कोप का असर इस तरह तारी है कि मरीजों के दबाव से अस्पतालों में व्यवस्थाएं कम पड़ जा रही हैं। हीट स्ट्रोक, डायरिया, बुखार, पेट दर्द, घबराहट सहित अन्य रोगों के मरीजों की तादाद बढ़ने से कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल और पांडेयपुर स्थित जिला अस्पताल में बेड के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मंडलीय अस्पताल की इमरजेंसी के गलियारे में मरीज पड़े हैं। पहले से भर्ती मरीज डिस्चार्ज हों तो इन्हें बेड मिल सके।
जिला अस्पताल 250 और मंडलीय अस्पताल 350 बेड हैं। दोनों जगह ओपीडी में इस समय 3500 से चार हजार मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं इमरजेंसी में दोनों जगह 300 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। डायरिया, उल्टी, पेट दर्द, वायरल बुखार, डिहाइड्रेशन, पीलिया एवं चक्कर आने की शिकायत से पीड़ित इनमें कइयों को भर्ती करने की नौबत आ रही है। इमरजेंसी, आर्थो, मेडिसिन, सर्जिकल वार्ड, कार्डियो सहित अन्य वार्ड भरे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से पैथोलॉजी पर भी लोड बढ़ गया है। मंडलीय अस्पताल में तो मरीजों को भर्ती होने के लिए दो-दो घंटा इंतजार करना पड़ रहा है।